Ratan Tata 83rd Birthday: रतन टाटा (Ratan Tata) न सिर्फ एक मशहूर उद्योगपति रहे हैं, बल्कि वो अपने परोपकारी कार्यों के लिए भी जाने जाते हैं. रतन टाटा आज (28 दिसंबर 2020) 83 साल (Ratan Tata 83rd Birthday) के हो गए हैं. भारत के सबसे सफल उद्योगपतियों में शुमार रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में हुआ था. वो टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा के दत्तक पोते और नवल टाटा (Naval Tata) के बेटे हैं. टाटा सन्स के पूर्व अध्यक्ष अपनी व्यावसायिक नैतिकता और परोपकार के लिए लोकप्रिय हैं. उनकी स्कूली शिक्षा मुंबई से हुई है, जबकि साल 1955 में उन्होंने न्यूयॉर्क सिटी में रिवरडेल कंट्री स्कूल से ग्रैजुएशन किया. साल 1959 में उन्होंने न्यूयॉर्क के कॉर्नेल विश्वविद्यालय से आर्किटेक्चर में डिग्री हासिल की. चलिए रतन टाटा के 83वें जन्मदिन पर जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी खास बातें.
रतन टाटा से जुड़ी रोचक बातें
- रतन टाटा ने साल 1962 में टाटा ग्रुप के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी. जब वो टाटा समूह में शामिल हुए तब उनकी उम्र महज 24 साल थी. शुरु में वह टाटा स्टील के एक दुकान के कर्मचारी थी.
- साल 1991 में जेआरडी टाटा के बाद रतन टाटा समूह के पांचवें अध्यक्ष बने. उन्होंने टेटली, जगुआर लैंड रोवर और कोरस जैसी कंपनियों का टाटा ग्रुप में अधिग्रहण किया. उन्होंने नैनो जैसी लखटकिया कार बनाकर आम आदमी के कार का सपना पूरा किया और इंडिका जैसी कार का बाजार में आना भी उन्ही की देन है.
- रतन टाटा के टाटा फैमिली से खून के रिश्ते नहीं हैं. उनके पिता नवल टाटा सर रतन टाटा और उनकी पत्नी नवजबाई सेठ के गोद लिए हुए बेटे थे. बचपन में ही रतन टाटा के माता-पिता अलग हो गए, लेकिन रतन टाटा अपनी मां के बेहद करीब थे.
- रतन टाटा जब इस ग्रुप में आए थे, तब टाटा कंपनी का कुल कारोबार 10000 करोड़ रुपए था, लेकिन साल 2011-12 में इस ग्रुप का राजस्व 475.721 करोड़ रुपए हो गया. आज करीब 80 देशों में टाटा ग्रुप की कंपनियां मौजूद हैं.
- उन्होंने विकसित देशों की कई ऐसी कंपनियों का अधिग्रहण किया जो अपने देश में काफी लोकप्रिय थीं. उनकी हमेशा से यही फिलॉसफी रही है कि क्या कंपनी के लिए अच्छा है और क्या दुनिया के लिए बेहतर है. यह भी पढ़ें: 26/11 Mumbai Terror Attacks: मुंबई आतंकी हमले की बरसी पर रतन टाटा ने शेयर की होटल ताज की तस्वीर, ट्वीट कर बोले- हमें याद है
- करीब 21 साल के अपने करियर में रतन टाटा ने टाटा ग्रुप को कामयाबी के नए आयाम तक पहुंचाया है. उद्योग जगत में सराहनीय कार्यों के लिए उन्हें साल 2000 में पद्मभूषण और साल 2008 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया जा चुका है.
- मुंबई आतंकी हमले के दौरान जब होटल ताज पैलेस को निशाना बनाया गया था, तब उन्होंने अपने कर्मचारियों की मदद की थी. 2008 के आतंकी हमले के बाद रतन टाटा ने खुद अपने कर्मचारियों के घर दौरा किया और उनके परिजनों की मदद की. इसके अलावा उन्होंने हमले में प्रभावित आसपास के ठेलेवालों की भी सहायता की थी.
- साल 2010 में कॉर्पोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया टेप मामले में उनका नाम भी उछाला गया था. बता दें कि साल 2002 में टाटा जब 65 साल के हुए थे, तब कंपनी ने उन्हें रिटायर नहीं होने दिया, फिर तीन साल बाद कुछ ऐसे ही हालात बने तो बोर्ड ने कंपनी में रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाकर 75 साल कर दी.
बहरहाल, इसमें कोई दो राय नहीं है कि अपने कार्यकाल के दौरान रतन टाटा ने कंपनी को सफलता की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया, लेकिन वे स्वभाव से बहुत ही परोपकारी इंसान भी हैं. उन्होंने शिक्षा, चिकित्सा और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में सालों तक दान दिया है. व्यावसायिक क्षेत्र और परोपकारी कार्यों में उनके महान योगदान के लिए रतन टाटा को कई सम्मानों और पुरस्कारों से नवाजा गया है. रतन टाटा को उनके 83वें जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं