भारत में निर्मित दुनिया की पहली डीएनए आधारित 'ZyCov-D' वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है. सुई के चुभन से छुटकारा देने वाली 'ZyCov-D' वैक्सीन भारतीय वैज्ञानिकों की मेहनत का जीता-जागता उदाहरण है. 'ZyCov-D' को मंजूरी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, भारत पूरे जोश के साथ कोरोना वायरस (Coronavirus India) से लड़ रहा है. ये भारत के वैज्ञानिकों के अभिनव उत्साह का प्रमाण है.
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विट कर कहा, "भारत पूरे जोश के साथ कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है. दुनिया के पहले डीएनए आधारित 'ZyCov-D' वैक्सीन जायडस कैडिला को मंजूरी भारतीय वैज्ञानिकों के अभिनव उत्साह का प्रमाण है. वास्वत में यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है."
India is fighting COVID-19 with full vigour. The approval for world’s first DNA based ‘ZyCov-D’ vaccine of @ZydusUniverse is a testimony to the innovative zeal of India’s scientists. A momentous feat indeed. https://t.co/kD3t7c3Waz
— Narendra Modi (@narendramodi) August 20, 2021
वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि, सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन ने दुनिया में पहली डीएनए-आधारित और सुई-मुक्त कोविड19 वैक्सीन (COVID19) को मंजूरी दी है. ZyDus Cadila द्वारा 'ZyCov-D'. मंडाविया ने कहा कि, इस वैक्सीन का उपयोग 12 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए किया जा सकता है.
Double good news for the nation!@CDSCO_INDIA_INF approves the 1st DNA-based, needle-free #COVID19 vaccine in the world - ‘ZyCov-D’ of @ZydusUniverse
Making children of India COVID-safe, this vaccine can be used for individuals aged 12 and above. (1/2) https://t.co/YP0ZZylOS7
— Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) August 20, 2021
12 वर्ष के बच्चों और उससे अधिक उम्र के लोगों को लगाई जाएगी
बता दें कि ZyCoV-D कोरोना वायरस वैक्सीन को इमरजेंसी यूज के लिए सराकर ने मंजूरी दे दी है. सरकार की इस मंजूरी के बाद ZyCoV-D कोरोना वायरस वैक्सीन 12 वर्ष और उससे अधिक उम्र के बच्चों और व्यस्कों को दी जा सकेगी. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया ने ZyCoV-D जायडस कैडिला वैक्सीन को आपातकाल उपयोग की मंजूरी दी है. इस मंजूरी के बाद यह दुनिया की पहली भारत में बनी कोविड-19 वैक्सीन है जो डीएनए पर आधारित है. ZyCoV-D कोरोना वायरस वैक्सीन व्यस्कों के अलावा 12 साल और उससे अधिक के उम्र के बच्चों को दी जा सकेगी.
दुनिया की पहली डीएनए बेस्ड वैक्सीन
बता दें कि ZyCoV-D कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया की पहली डीएनए आधारित वैक्सीन है जो किसी भारतीय कंपनी द्वारा विकसित की गई है. इस तरह से देश में मंजूरी पाने वाली यह छठी वैक्सीन है जिसे सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन, रूस के स्पुतनिक-वी, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन के बाद अनुमोदित किया जाएगा.
मंजूरी के लिए 1 जुलाई को किया था आवेदन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जेनेरिक दवा कंपनी कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड ने ZyCoV-D के सिर्फ इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दी है. इस मामले में कंपनी ने बीती 1 जुलाई को इसके इमरजेंसी उपयोग के लिए आवेदन किया था.
कैसे करती है काम
एक्सपर्ट के मुताबिक, यह एक प्लाज़्मिड डीएनए वैक्सीन है जो इंसानों में पाए जाने वाले डीएनए का एक छोटा सर्कुलर हिस्सा है. ये वैक्सीन इंसानों की बॉडी में सेल्स की मदद से कोरोना वायरस का स्पाइक प्रोटीन तैयार करने में मदद करेगी. इसकी मदद से शरीर में कोरोना वायरस के अहम हिस्से की पहचान कर उसका डिफेंस तैयार करने में मदद मिलेगी.
कुल तीन डोज लगाने होंगे
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह वैक्सीन इंसानों की स्किन में दी जाएगी. आम वैक्सीन की तरह इसे लगवाते समय चुभन महसूस हो सकती है. वहीं इसे लगाने के लिए स्प्रिंग की मदद से तैयार की गई एक खास तरह की डिवाइस का इस्तेमाल किया जाएगा. एक्सपर्ट के मुताबिक, ZyCoV-D कोरोना वायरस के कुल तीन डोज दिए जाएंगे. पहला डोज़ के 21 दिन बाद दूसरा और 56 दिन बाद तीसरा डोज दिया जएगा.