ZyCoV-D कोरोना वायरस वैक्सीन को इमरजेंसी यूज के लिए सराकर से हरी झंडी मिल गई है. सरकार की इस मंजूरी के बाद ZyCoV-D कोरोना वायरस वैक्सीन 12 वर्ष और उससे अधिक उम्र के बच्चों और व्यस्कों को दी जा सकेगी. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया ने ZyCoV-D जायडस कैडिला वैक्सीन को आपातकाल उपयोग की मंजूरी दी है. इस मंजूरी के बाद यह दुनिया की पहली भारत में बनी कोविड-19 वैक्सीन है जो डीएनए पर आधारित है. ZyCoV-D कोरोना वायरस वैक्सीन व्यस्कों के अलावा 12 साल और उससे अधिक के उम्र के बच्चों को दी जा सकेगी.
बता दें कि ZyCoV-D कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया की पहली डीएनए आधारित वैक्सीन है जो किसी भारतीय कंपनी द्वारा विकसित की गई है. इस तरह से देश में मंजूरी पाने वाली यह छठी वैक्सीन है जिसे सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन, रूस के स्पुतनिक-वी, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन के बाद अनुमोदित किया जाएगा.
Zydus Cadila receives approval for Emergency Use Authorization from DCGI for ZyCoV-D today. World’s first & India’s indigenously developed DNA based vaccine for #COVID-19 to be administered in humans including children & adults 12 yrs and above: Ministry of Science & Technology pic.twitter.com/VfL39B8xTJ
— ANI (@ANI) August 20, 2021
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जेनेरिक दवा कंपनी कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड ने ZyCoV-D के सिर्फ इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दी है. इस मामले में कंपनी ने बीती 1 जुलाई को इसके इमरजेंसी उपयोग के लिए आवेदन किया था.
एक्सपर्ट के मुताबिक, यह एक प्लाज़्मिड डीएनए वैक्सीन है जो इंसानों में पाए जाने वाले डीएनए का एक छोटा सर्कुलर हिस्सा है. ये वैक्सीन इंसानों की बॉडी में सेल्स की मदद से कोरोना वायरस का स्पाइक प्रोटीन तैयार करने में मदद करेगी. इसकी मदद से शरीर में कोरोना वायरस के अहम हिस्से की पहचान कर उसका डिफेंस तैयार करने में मदद मिलेगी.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह वैक्सीन इंसानों की स्किन में दी जाएगी. आम वैक्सीन की तरह इसे लगवाते समय चुभन महसूस हो सकती है. वहीं इसे लगाने के लिए स्प्रिंग की मदद से तैयार की गई एक खास तरह की डिवाइस का इस्तेमाल किया जाएगा. एक्सपर्ट के मुताबिक, ZyCoV-D कोरोना वायरस के कुल तीन डोज दिए जाएंगे. पहला डोज़ के 21 दिन बाद दूसरा और 56 दिन बाद तीसरा डोज दिया जएगा.