मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद एग्जिट पोल के नतीजे सामने आ चुके हैं. ज्यादातर एग्जिट पोल में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति (बीजेपी-शिवसेना शिंदे गुट-एनसीपी अजीत पवार गुट) को बहुमत मिलने की संभावना जताई गई है. लेकिन सियासी गलियारों में अब एक बड़ा सवाल उठ रहा है: क्या वाकई महायुति सरकार बनाएगी, और अगर हां, तो मुख्यमंत्री कौन होगा?
65% वोटिंग: किसके पक्ष में होगा फैसला?
इस बार महाराष्ट्र की 288 सीटों पर करीब 65% मतदान हुआ है, जो 2019 के चुनाव से 4 फीसदी अधिक है. बीजेपी नेता और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) का कहना है कि मतदान प्रतिशत बढ़ने से महायुति को फायदा होगा.
फडणवीस ने इसे "प्रो-इंकंबेंसी" यानी सरकार के पक्ष में जनता के समर्थन का संकेत बताया.
उन्होंने कहा, "महिलाओं के बढ़े हुए समर्थन और सरकार की योजनाओं, जैसे लड़की बहिन योजना, से हमें वोट मिला है."
मुख्यमंत्री पद पर सस्पेंस
फडणवीस ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री पद को लेकर अभी कोई चर्चा नहीं हुई है. उन्होंने कहा, "परिणाम आने के बाद हम सब बैठकर फैसला करेंगे." शिवसेना (शिंदे गुट) के सांसद श्रिकांत शिंदे ने भी कहा कि महायुति के सभी नेता मिलकर निर्णय लेंगे. शिंदे ने यह भी जोड़ा कि यहां मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है.
महाविकास अघाड़ी ने किया जीत का दावा
जहां महायुति अपनी जीत को लेकर आश्वस्त है, वहीं महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के नेताओं ने एग्जिट पोल को सिरे से खारिज कर दिया है.
शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता संजय राउत ने एग्जिट पोल को "फ्रॉड" करार दिया.
उन्होंने कहा, "एग्जिट पोल पर भरोसा न करें. हम 160 सीटें जीत रहे हैं और सरकार बनाएंगे."
एमवीए का दावा है कि जनता सरकार से नाखुश है और वह बदलाव के पक्ष में मतदान कर रही है.
महायुति बनाम महाविकास अघाड़ी: चुनावी समीकरण
इस चुनाव में महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच कड़ी टक्कर रही. महायुति में बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट), और एनसीपी (अजीत पवार गुट) शामिल हैं. वहीं महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार गुट), और शिवसेना (उद्धव गुट) हैं.
कौन बनेगा महाराष्ट्र का सीएम
देवेंद्र फडणवीस: नागपुर साउथ-वेस्ट से बीजेपी के उम्मीदवार और डिप्टी सीएम. अगर महायुति को बहुमत मिलता है, तो फडणवीस एक बार फिर मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे हो सकते हैं.
एकनाथ शिंदे: मौजूदा मुख्यमंत्री और शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता. उनका भी दावा मजबूत है, खासकर क्योंकि शिंदे गुट ने बीजेपी के साथ गठबंधन में अहम भूमिका निभाई.
सुप्रिया सुले या शरद पवार (एमवीए): अगर महाविकास अघाड़ी सत्ता में आती है, तो एनसीपी और शिवसेना (उद्धव गुट) के बीच मुख्यमंत्री पद पर खींचतान हो सकती है.
जनता की नजर परिणामों पर
महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, यह तो 23 नवंबर को साफ हो पाएगा. लेकिन कहा जा सकता है कि महाराष्ट्र की राजनीति में अभी भी कई "खेला" बाकी है. 23 नवंबर को महाराष्ट्र के भविष्य का फैसला होगा, और इसके बाद पता चलेगा कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा.