उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने कोविड से प्रभावित जनपद लखनऊ (Lucknow), प्रयागराज, वाराणसी और कानपुर नगर की स्थिति की समीक्षा की. कोविड मरीजों के लिए जनपद लखनऊ में साढ़े पांच हजार से अधिक बेड कोविड उपलब्ध हैं. अकेले केजीएमयू में आज 380 बेड की बढ़ोतरी हुई है. अभी यहां विस्तार की बहुत संभावनाएं हैं. ट्रॉमा, न्यूरोसर्जरी एवं अन्य अति आवश्यक विभागों को छोड़कर इसे चरणबद्ध रूप से पूर्ण डेडिकेटेड हॉस्पिटल के रूप में सक्रिय किया जाए. जिला प्रशासन तत्काल इस दिशा में कार्यवाही सुनिश्चित करे. केजीएमयू में खुद के ऑक्सीजन प्लांट की भी सुविधा है, साथ ही अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर भी उपलब्ध हैं. इसी प्रकार बलरामपुर हॉस्पिटल को 700 बेड वाले कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल के रूप में तैयार किया जाए. यह भी पढ़ें- Uttar Pradesh: योगी सरकार का बड़ा फैसला, राज्य में एक सप्ताह में 10 ऑक्सीजन प्लांट लगाया जायेगा.
लखनऊ में अलग-अलग अस्पतालों के लिए नियुक्त सभी नोडल अधिकारी संबंधित अस्पतालों में ही कैंप करें. स्थिति पर नजर रखें, मरीजों को यथासंभव हर जरूरी मदद उपलब्ध कराएं. बदलती परिस्थितियों के बीच नए विकल्पों को भी तैयार करें. जिस भी अस्पताल को अतिरिक्त मानव संसाधन की जरूरत हो, उपलब्ध कराया जाए. कोविड के खिलाफ इस लड़ाई में निजी चिकित्सा संस्थानों का सहयोग सराहनीय है. निजी क्षेत्र के जो भी चिकित्सा संस्थान स्वयं का ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करना चाहते हैं, शासन को अवगत कराएं, उन्हें हर जरूरी मदद मुहैया कराई जाएगी. भविष्य की आवश्यकता के दृष्टिगत हर अस्पताल को ऑक्सीजन जैसी महत्वपूर्ण सुविधा के लिहाज से आत्मनिर्भर होना होगा.
सभी चिकित्सा संस्थान जहां भी कोविड मरीजों का इलाज हो रहा है, उन्हें विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है. ऐसी कोई कार्यवाही न करें जिससे लोगों में भय बढ़े. मरीजों और उनके परिजनों के साथ पूरी संवेदनशीलता रखी जानी चाहिए. किसी भी प्रकार की जरूरत हो तो तत्काल प्रशासन को जानकारी दें, हर तरह की मदद दिलाई जाएगी. बीते 24 घंटों में प्रदेश के सभी जनपदों में ऑक्सीजन आपूर्ति की व्यवस्था बेहतर हुई है. भारत सरकार के आवंटित ऑक्सीजन लाने के लिए गाड़ियां बोकारो रवाना हो रही हैं. लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज और वाराणसी जिलों की अतिरिक्त ऑक्सीजन की जरूरत पर लागातर नजर रखी जा रही है. मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन बनाते हुए हर अस्पताल को ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जा रहा है.
ऑक्सीजन रीफिलिंग केंद्रों पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतज़ाम किये जाएं. अति गंभीर परिस्थितियों को छोड़कर किसी इंडिविजुअल को ऑक्सीजन न दिया जाए. कालाबाजारी पर सख्त कार्रवाई की जाए. जिसे भी ऑक्सीजन दिया जाए, उसका पूरा विवरण रखा जाना चाहिए. प्रदेश में नवीन ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना के लिए राज्य सरकार द्वारा सभी आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान किए जाएंगे. इस कार्य में विधायक निधि और एसडीआरएफ का भी प्रयोग किया जा सकता है. चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा 10 नए प्लांट स्थापित करने की कार्यवाही प्रचलित है. निजी क्षेत्र का भी स्वागत है.
संक्रमण दर के दृष्टिगत प्रयागराज और वाराणसी में बेड्स की संख्या बढ़ाये जाने की जरूरत है, साथ-साथ ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने पर भी काम किया जाए. बीएचयू और हेरिटेज जैसे चिकित्सा संस्थान पूरी क्षमता के साथ क्रियाशील रखे जाएं. ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए खाली टैंकर का अभाव नहीं होगा. समस्त जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करें कि आपदा की इस स्थिति में किसी भी मरीज अथवा उसके परिजन के साथ कहीं अमर्यादित व्यवहार न हो. अस्पतालों में ओवरबिलिंग की शिकायत न आए. इसके लिए लगातार निरीक्षण किया जाना चाहिए. मरीजों के साथ पूरी संवेदनशीलता बरती जाए.
लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज और वाराणसी प्रशासन अपने प्रभारी मंत्रियों का मार्गदर्शन प्राप्त करते हुए कोविड मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य करें. इंटीग्रेटेड कंट्रोल एन्ड कमांड सेंटर को प्रभावी बनाएं. हर अस्पताल में रिक्त बेड की जानकारी हो. इसका आवंटन पारदर्शी ढंग से किया जाए.
कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए कंटेनमेंट ज़ोन का प्रभावी होना बहुत जरूरी है. प्रवासी श्रमिकों को नियमानुसार क्वारन्टीन किया जाए. 'टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट' के मंत्र के अनुरूप कार्य करें. रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू और साप्ताहिक बंदी को प्रभावशाली ढंग से लागू किया जाए. नासिक (महाराष्ट्र) में आज ऑक्सीजन लीक होने की दुर्घटना हृदयविदारक है. हमें इससे सबक लेना चाहिए. सभी स्थानों पर सुरक्षा और सावधानी बरती जाए.