लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) से पहले चाचा और भतीजे की जोड़ी फिर बनती दिख रही है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही समाजवादी पार्टी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (पीएसपीएल) के विलय की घोषणा भी हो सकती है. सपा (समाजवादी पार्टी) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने इस बात के संकेत देते हुए बुधवार को कहा “सपा ने लगातार प्रयास किया कि छोटे दलों को साथ लिया जाए और उसमें कई दल पार्टी के साथ में आए हैं. पार्टी की कोशिश है कि जितने भी छोटे दल हैं उनको जोड़ा जाए और स्वाभाविक है कि चाचा (शिवपाल सिंह यादव) के दल को भी साथ में लेने का काम करेंगे. उनका पूरा सम्मान होगा.” किसानों की हालत ने बीजेपी के हर झूठ का पर्दाफाश किया: अखिलेश यादव
अखिलेश यादव से पहले पीएसपीएल के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) ने कहा है कि अगर उनकी पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं का समाजवादी पार्टी में सम्मानजनक स्वागत होता है तो वह अपनी पार्टी का सपा में विलय करने के लिए तैयार हैं. शिवपाल सिंह यादव ने सोमवार रात अलीगढ़ में संवाददाताओं से कहा कि अगर सपा उन्हें पार्टी में शामिल करना चाहती है तो वह चाहते हैं कि न केवल खुद उन्हें, बल्कि उनके कार्यकर्ताओं और समर्थकों को भी वही सम्मान मिलना चाहिए.
It has been the endeavour of Samajwadi Party to stich alliance with smaller parties. Naturally, we are going to forge an alliance with the party of uncle (Shivpal Singh Yadav) as well. Samajwadi Party will give him full respect: Samajwadi Party President Akhilesh Yadav pic.twitter.com/MgwxGkDphE
— ANI UP (@ANINewsUP) November 3, 2021
उन्होंने कहा कि जब वे सपा में थे तो पार्टी जमीन पर काम करती थी, जबकि मौजूदा परि²श्य में नेता कार्यालय में काम करते हैं. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव के साथ गठबंधन के संकेत दिए हैं, जिन्होंने सपा से अलग होकर अपनी पार्टी की स्थापना कर ली. अखिलेश यादव ने कहा कि उनका शिवपाल सिंह यादव से कोई विवाद नहीं है और उन्हें पार्टी में सम्मानजनक स्थान मिलेगा.
बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि आम जनता मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रही है और महंगाई ने उनके जीवन को संकट में डाल दिया है. उन्होंने कहा, "केवल परियोजना के नाम बदलकर विकास का आश्वासन नहीं दिया जा सकता है, लेकिन बीजेपी केवल ऐसा ही कर रही है. बीजेपी ने जनता को धोखा दिया है और उनका 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' का नारा निराधार है." (एजेंसी इनपुट के साथ)