
मुंबई, महाराष्ट्र: महाराष्ट्र सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए इमरजेंसी 1975 से 1977 के दौरान लोकतंत्र की रक्षा के लिए जेल जाने वाले नागरिकों के लिए मासिक मानधन बढ़ाने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया.इमरजेंसी के समय देशभर में कई नेताओं, पत्रकारों और समाजसेवियों को जेल में डाला गया था.लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए संघर्ष करने वाले इन नागरिकों को अब महाराष्ट्र सरकार 20,000 रूपए प्रतिमाह का मानधन देगी.
इससे पहले 2018 में इस योजना की शुरुआत हुई थी, लेकिन अब इसमें बड़ी बढ़ोतरी की गई है.ये भी पढ़े:Maharashtra Cabinet Decision: कुर्ला में मदर डेयरी की जमीन धारावी प्रोजेक्ट को मिलेगी, कैबिनेट की बैठक में लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय
एक महीने से ज्यादा जेल काटने वालों को 20 हजार रूपए
सरकार के नए फैसले के तहत जो लोग इमरजेंसी के दौरान एक महीने से अधिक समय के लिए जेल गए थे, उन्हें हर महीने 20,000 रूपए का मानधन दिया जाएगा. यदि ऐसा कोई व्यक्ति अब जीवित नहीं है, तो उसके जीवनसाथी को 10,000 रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे.
छोटे कार्यकाल वाले भी होंगे लाभान्वित
अगर किसी व्यक्ति ने एक महीने से कम समय के लिए कारावास भोगा है, तो उन्हें 10,000 रूपए , और उनके जीवनसाथी को 5,000 रूपए मासिक मानधन मिलेगा. इस योजना का लाभ उठाने के लिए अब 18 वर्ष की आयु सीमा की शर्त को भी हटा दिया गया है.
आवेदन के लिए मिलेगी 90 दिनों की मोहलत
यदि कोई पात्र व्यक्ति अब जीवित नहीं है और उनकी मृत्यु 2 जनवरी 2018 से पहले हुई थी, तो उनके जीवनसाथी शपथपत्र के साथ आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए सरकार ने शासन निर्णय जारी होने की तारीख से 90 दिनों की समय-सीमा तय की है,