
मुंबई: शिवसेना नेता संजय निरुपम ने महाराष्ट्र के आवास मंत्री एकनाथ शिंदे और स्लम पुनर्वास प्राधिकरण (SRA) प्रमुख को पत्र लिखकर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने दावा किया है कि कुछ बिल्डर SRA परियोजनाओं के माध्यम से 'हाउसिंग जिहाद' को बढ़ावा दे रहे हैं और कुछ क्षेत्रों की जनसंख्या संरचना को बदलने की कोशिश कर रहे हैं.
क्या है संजय निरुपम का आरोप?संजय निरुपम ने आरोप लगाया है कि SRA प्रोजेक्ट्स में कुछ बिल्डर हिंदू परिवारों के आवेदन अस्वीकार कर रहे हैं और उन्हें अयोग्य करार देकर मुस्लिम परिवारों को अधिक संख्या में स्थान देने की कोशिश कर रहे हैं. उनका दावा है कि यह 'हाउसिंग जिहाद' का एक तरीका है, जिसके जरिए मुस्लिम बिल्डर मुंबई के कुछ इलाकों में मुस्लिम आबादी को केंद्रित करने की रणनीति अपना रहे हैं.
मुद्दे पर राजनीतिक विवादनिरुपम के इस आरोप ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है. SRA परियोजनाओं के तहत झुग्गी पुनर्वास योजनाओं का उद्देश्य झुग्गीवासियों को वैध आवास प्रदान करना होता है, लेकिन इस पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के आरोपों से मामला संवेदनशील हो गया है.
सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रियाअब तक महाराष्ट्र सरकार या SRA प्रमुख की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. यदि निरुपम के आरोपों में सच्चाई पाई जाती है तो यह SRA परियोजनाओं की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर बड़ा सवाल खड़ा कर सकता है.
Shiv Sena leader Sanjay Nirupam writes to Maharashtra Housing Minister Eknath Shinde and the Slum Rehabilitation Authority (SRA) chief, alleging that some builders in SRA projects are implementing 'Housing Jihad' through their projects and trying to change the demography of…
— ANI (@ANI) February 21, 2025
मुंबई की जनसंख्या संरचना और राजनीतिक पहलूमुंबई देश की आर्थिक राजधानी होने के साथ-साथ सांस्कृतिक विविधता का केंद्र भी है. इस शहर में विभिन्न समुदायों की सहभागिता रही है, लेकिन यदि SRA जैसी सरकारी योजनाओं में किसी भी तरह का भेदभाव किया जाता है, तो इससे सामाजिक समरसता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.
क्या होगी आगे की कार्रवाई?
संजय निरुपम के इन आरोपों के बाद अब देखना होगा कि महाराष्ट्र सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है. यदि इन आरोपों की जांच होती है, तो इससे SRA परियोजनाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं.