नई दिल्ली: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शुक्रवार यानि आज श्वेतांबर जैन संत आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी (Acharya Shri Mahapragya) को उनकी जन्म शताब्दी पर याद करते हुए नमन किया है. पीएम मोदी ने इस दौरान कहा आचार्य महाप्रज्ञ जी कहते थे, 'मैं और मेरा छोड़ो तो सब तुम्हारा ही होगा.' उनका ये मंत्र, उनका ये दर्शन उनके जीवन में स्पष्ट दिखाई भी देता था. दुनिया में जीवन जीने का दर्शन तो आसानी से मिल जाता है, लेकिन इस तरह का जीवन जीने वाला आसानी से नहीं मिलता है.'
बता दें कि श्वेतांबर जैन संत आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी जैन धर्म के 10वें गुरू थे. महाप्रज्ञ जी का जन्म 14 जून साल 1920 में हुआ था. उन्होंने महज नौ वर्ष की आयु में ही अपना घर परिवार त्याग दिया था. आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी का देहांत साल 2010 में सरदार शहर (Sardarshahar) में हुआ था. महाप्रज्ञ जी मूलरूप से राजस्थान (Rajasthan) के झुंझुनू (Jhunjhunu) शहर के थे.
आचार्य महाप्रज्ञ जी कहते भी थे, ‘मैं और मेरा छोड़ो तो सब तुम्हारा ही होगा।’ उनका ये मंत्र, उनका ये दर्शन उनके जीवन में स्पष्ट दिखाई भी देता था। दुनिया में जीवन जीने का दर्शन तो आसानी से मिल जाता है, लेकिन इस तरह का जीवन जीने वाला आसानी से नहीं मिलता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी pic.twitter.com/YOWx8Qk4Fh
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 19, 2020
आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी ने अपने जीवनकाल में तीन सौ से अधिक पुस्तकें लिखी हैं. खबर के अनुसार नब्बे वर्षीय आचार्य महाप्रज्ञ ने तीन सौ से अधिक पुस्तकें लिखी. इसके अलावा उन्होंने जैन पत्र-पत्रिकाओं का संपादन किया और जैन योग एवं ध्यान परम्परा को भी काफी आगे बढ़ाया.