सीबीआई (CBI) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेशों का जानबूझकर उल्लंघन करने को लेकर सोमवार को पश्चिम बंगाल (West Bengal) के मुख्य सचिव (Chief Secretary), पुलिस महानिदेशक (DGP) और कोलकाता पुलिस कमिश्नर (Kolkata Police Commissioner) के खिलाफ शीर्ष कोर्ट में अवमानना की याचिका (Contempt Plea) दायर की है. सीबीआई की इस याचिका पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगाई (CJI Ranjan Gogoi) की अगुवाई में तीन जजों की बेंच मंगलवार को सुनवाई करेगी. इस बेंच में सीजेआई रंजन गोगाई के साथ जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना शामिल हैं.
Three-judge SC bench comprising Chief Justice Ranjan Gogoi, Justice Deepak Gupta & Justice Sanjiv Khanna will hear CBI’s pleas tomorrow against Kolkata Police Commissioner Rajeev Kumar & West Bengal govt for alleged non-cooperation in a case connected with Saradha chit fund scam. https://t.co/7VEDbD6s10
— ANI (@ANI) February 4, 2019
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के खिलाफ सीबीआई की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करने की बात कही. कुमार शारदा चिटफंड घोटाले से संबंधित सबूतों को नष्ट करने के कथित आरोपी हैं. सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने सोमवार को मामले की तत्काल सुनवाई के सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता के आग्रह को ठुकरा दिया था. यह भी पढ़ें- ममता vs सीबीआई विवाद पर बोले रविशंकर प्रसाद, कहा- आखिर ऐसा क्या है कि कमिश्नर को बचाने के लिए सीएम खुद धरने पर बैठ गईं
स्थिति को 'असाधारण' बताते हुए मेहता ने कहा था, "हमें डर है कि सबूतों को नष्ट कर दिया जाएगा." इसकी प्रतिक्रिया में, सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा, "हमें कोर्ट पहुंचने में कुछ मिनट देरी हो गई, क्योंकि हम आपकी याचिका पढ़ रहे थे..आप जो अभी कह रहे हैं, उस बात के कोई सबूत नहीं हैं." उन्होंने कहा, "अगर आप सबूतों के साथ छेड़छाड़ या ऐसा सोचने के बारे में एक भी सबूत पेश करेंगे तो, हम इस पर इतनी कड़ी कार्रवाई करेंगे कि उन्हें पछताना पड़ेगा."