महाराष्ट्र का सियासी घमासान पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के शपथ ग्रहण समारोह के खिलाफ शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस ने दायर की याचिका
सोनिया गांधी, उद्धव ठाकरे और शरद पवार (Photo Credits: PTI)

मुंबई: महाराष्ट्र की सियासत (Maharashtra Politics) में उस वक्त भूचाल आ गया, जब शनिवार की सुबह बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने एनसीपी नेता अजित पवार (Ajit Pawar) के साथ मिलकर सरकार बना ली. देवेंद्र फडणवीस ने जहां दोबारा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, तो वहीं अजित पवार ने डिप्टी सीएम के तौर पर शपथ ग्रहण की. रातोंरात बदले इस राजनीतिक समीकरण से महाराष्ट्र में सियासी बवाल मच गया, जिसके बाद अब महाराष्ट्र का यह सियासी घमासान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की दहलीज पर पहुंच गया है. शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी (Shiv Sena-Congress-NCP)  ने मिलकर देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के शपथ ग्रहण समारोह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में लिखित याचिका (Writ Petition) दायर की है यानी अब यह सियासी मसला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है.

बता दें कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अपने भतीजे का कड़ा विरोध करते हुए कहा है कि बीजेपी को समर्थन देने का अजीत पवार का फैसला व्यक्तिगत है न कि एनसीपी का. उन्होंने कहा कि अजित पवार का यह फैसला पार्टी लाइन के खिलाफ है और अनुशासनहीनता है. एनसीपी का कोई नेता या कार्यकर्ता बीजेपी-एनसीपी सरकार के पक्ष में नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा महाराष्ट्र का सियासी घमासान

दरअसल, शनिवार की सुबह बीजेपी ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने का दावा पेश किया, जिसके बाद राज्य के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने केंद्र से राष्ट्रपति शासन हटाने के लिए कहा. सीएम देवेंद्र फडणवीस का कहना था कि महाराष्ट्र में एक स्थिर सरकार बनाने की जरूरत थी और हम बीजेपी को समर्थन देने के लिए अजित पवार को धन्यवाद देना चाहते हैं. उन्होंने कहा था कि अजित पवार के साथ विधायक और अन्य निर्दलीय विधायक हैं जो हमारा समर्थन कर रहे हैं. फडणवीस ने कहा कि शपथ लेने के बाद हम अब सदन में अपना बहुमत साबित करेंगे. यह भी पढ़ें: विधायकों के साथ बैठक के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे बोले- बदल गए हालात, लेकिन गठबंधन नहीं होगा प्रभावित, सच होगा हमारा सपना

गौरतलब है कि शिवसेना विधायकों के साथ बैठक के बाद पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में हालात बदल गए हैं, लेकिन गठबंधन पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. इसके साथ ही उन्होंने यह भरोसा दिलाया कि महाराष्ट्र में शिवसेना की सरकार बनेगी. वहीं महाराष्ट्र में बदले राजनीतिक समीकरण को लेकर कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि अजित पवार किसी दबाव में हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि फजीहत से बचने के लिए देवेंद्र फडणवीस को खुद ही इस्तीफा दे देना चाहिए.