मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के ठीक पहले नालासोपारा में हुए 'कैश कांड' ने सियासी पारा चढ़ा दिया है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े (Vinod Tawde) पर पैसे बांटने के आरोप लगने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. विपक्ष ने इसे बड़ा मुद्दा बना लिया है, और चुनाव आयोग ने कार्रवाई करते हुए तीन एफआईआर दर्ज की हैं.
विनोद तावड़े ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. उन्होंने इसे विपक्ष, विशेष रूप से महाविकास अघाड़ी, की साजिश बताया. उनका कहना है, "मैं सिर्फ कार्यकर्ताओं से मिलने गया था. मैंने कोई गलत काम नहीं किया. यह साजिश मेरे नाम को बदनाम करने के लिए की गई है. पुलिस और चुनाव आयोग को निष्पक्ष जांच करनी चाहिए."
कैश कांड का पूरा मामला
चुनाव से ठीक पहले नालासोपारा में 9 लाख 53 हजार 900 रुपये नकद जब्त किए गए. चुनाव अधिकारियों और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में यह रकम बरामद हुई. महाराष्ट्र के अतिरिक्त मुख्य चुनाव अधिकारी किरण कुलकर्णी ने बताया कि फ्लाइंग स्क्वाड की टीम ने सूचना के आधार पर मौके पर पहुंचकर परिसर की तलाशी ली. उन्होंने यह भी कहा कि जो भी आचार संहिता का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
तीन एफआईआर और सवालों के घेरे में बीजेपी
अब तक इस मामले में तीन एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं. इनमें से दो मामलों में बीजेपी उम्मीदवारों का नाम है, जबकि एक एफआईआर में खुद विनोद तावड़े का नाम शामिल है. विपक्ष इसे बीजेपी की नैतिकता पर सवाल खड़े करने के लिए इस्तेमाल कर रहा है. एक एफआईआर में स्थानीय पार्टी BVA (बहुजन विकास अघाड़ी) का भी नाम है.
चुनावी सियासत में नया मोड़
इस घटना ने विपक्ष को एक मजबूत हथियार दे दिया है. वोटिंग से ठीक एक दिन पहले यह मुद्दा चुनाव प्रचार का केंद्र बन गया है. महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को मतदान होना है, और नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे.