कर्नाटक (Karnataka) में कांग्रेस-जेडीएस (Congress-JDS) गठबंधन की सरकार मंगलवार को विधानसभा में विश्वास मत (Trust Vote) हासिल करने में विफल रहने के बाद गिर गई. इसी के साथ कर्नाटक में 14 महीने से अस्थिरता के दौर का सामना कर रहे मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी (HD Kumaraswamy) का कार्यकाल खत्म हो गया. कुमारस्वामी ने विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव हारने के तुरंत बाद राज्यपाल वजूभाई वाला (Governor Vajubhai Vala) को अपना इस्तीफा सौंप दिया. अधिकारियों ने बताया कि परिणाम के तुरंत बाद कुमारस्वामी, उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर और अन्य वरिष्ठ सहयोगियों के साथ राजभवन गए और इस्तीफा सौंप दिया. त्यागपत्र में कहा गया, ‘‘अपनी कैबिनेट के साथ मैं कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं और मैं आपसे इसे स्वीकार करने का आग्रह करता हूं.’’ त्यागपत्र में कहा गया, ‘‘मैं इस मौके पर कार्यकाल के दौरान मुझे और मेरे सहयोगियों को मिले सहयोग के लिए मैं आभारी हूं.’’
कुमारस्वामी को अपने पत्र में राज्यपाल ने कहा, ‘‘मैंने तत्काल प्रभाव से आपका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. वैकल्पिक व्यवस्था होने तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री के पद पर बने रहिए. यह कहने की जरूरत नहीं है कि इस दौरान कोई कार्यकारी फैसले नहीं लिए जाने चाहिए.’’ उधर, कुमारस्वामी सरकार गिरने के बाद बीजेपी के दफ्तर में जश्न का माहौल है. अब माना जा रहा है कि बीजेपी कर्नाटक के अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा, कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री बन सकते हैं. बीजेपी अगले 2 दिनों में राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है.
#Karnataka Assembly: Congress-JD(S) secured 99 votes, BJP secured 105 votes https://t.co/Cbd5eRdamO
— ANI (@ANI) July 23, 2019
Karnataka Governor, Vajubhai Vala accepts HD Kumaraswamy's resignation. pic.twitter.com/AVuD082In4
— ANI (@ANI) July 23, 2019
इससे पहले, विधानसभा में अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने ऐलान किया कि 99 विधायकों ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया है जबकि 105 सदस्यों ने इसके खिलाफ मत दिया है. इस प्रकार यह प्रस्ताव गिर गया. बहस पर जवाब देने के बाद मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी विचारमग्न अवस्था में कार्यवाही देखते रहे. कुमारस्वामी को संख्या बल का साथ नहीं मिला और उन्होंने विश्वास मत प्रस्ताव पर चार दिन की चर्चा के खत्म होने के बाद हार का सामना किया. विधानसभा में पिछले गुरुवार को उन्होंने विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया था. यह भी पढ़ें- कर्नाटक में सियासी ड्रामा खत्म, येदियुरप्पा के शपथ लेने के बाद मुम्बई से लौटेंगे बागी विधायक
BS Yeddyurappa, BJP: We assure the farmers that we will give more importance to them in the coming days. We will take an appropriate decision at the soonest. https://t.co/3rZlnIP33J
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BJP Karnataka President, BS Yeddyurappa: I will discuss with Prime Minister & our President Amit Shah ji, afterwards I will go & meet Governor. We are going to have a legislature party meet now. pic.twitter.com/3MgoyD3Bjf
— ANI (@ANI) July 23, 2019
बीजेपी पर जल्दबाजी में होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘भाषण के बाद मैं कहीं नहीं भागने वाला. लोगों को पता तो चले कि क्यों मैं हटा. आंकड़ों से डरकर मैं भाग नहीं रहा. वोटों की गिनती होने दीजिए.’’ मुख्यमंत्री का पद किसी के लिए भी स्थायी नहीं है. अपने संबोधन में कांग्रेस नेता सिद्धरमैया ने आरोप लगाया कि बीजेपी रिश्वत और विधायकों की खरीद फरोख्त के जरिए सत्ता में आने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि 15 विधायकों का इस्तीफा और कुछ नहीं बल्कि यह खरीद फरोख्त है. सिद्धरमैया ने आरोप लगाया कि विधायकों को प्रलोभन देने के लिए 20, 25 और 30 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया गया. उन्होंने पूछा कि यह धन कहां से आया? मतदान के बाद विजय चिन्ह बनाते हुए बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा ने परिणाम को लोकतंत्र की जीत बताया. उन्होंने कर्नाटक के लोगों को आश्वस्त किया कि बीजेपी के सत्ता में आने के साथ विकास का एक नया युग आरंभ होगा.
भाषा इनपुट