गृह मंत्री अमित शाह बोले- रवींद्रनाथ टैगोर की कुर्सी पर मैं नहीं नेहरू और राजीव गांधी बैठे थे, संसद में दिखाई तस्वीरें
गृह मंत्री अमित शाह (Photo Credts: ANI)

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने मंगलवार को लोकसभा (Lok Sabha) में शांति निकेतन में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) की कुर्सी पर बैठने के आरोपों पर सफाई दी. गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी बात सिद्ध करने के लिए सबूत भी दिया. गृह मंत्री ने संसद में तस्वीरें दिखाकर कहा कि वह शांति निकेतन में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की कुर्सी पर नहीं बैठे थे बल्कि प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और फिर राजीव गांधी उस कुर्सी पर बैठ चुके हैं. गृह मंत्री ने कहा, मैं तो गुरुदेव की कुर्सी पर नहीं बैठा, लेकिन ऑन रिकॉर्ड जवाहर लाल नेहरू के गुरुदेव की कुर्सी पर बैठने की फोटो है, राजीव गांधी भी सोफे पर बैठकर चाय पी रहे हैं.

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, मेरे पास विश्व भारती के कुलपति का एक पत्र है जहां उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई, मैं एक खिड़की के पास बैठा था जहां कोई भी बैठ सकता है. गृह मंत्री ने कहा, अधीर रंजन चौधरी ने मुझ पर ऐसा आरोप लगाया, इसमें उनकी गलती नहीं है, यह उनकी पार्टी की समस्या है. गृह मंत्री ने इसके बाद सबूत के बाद दो तस्वीरों को भी सदन के पटल पर भी रखा. Maharashtra: अमित शाह ने फिर कहा- सीएम पद के लिए शिवसेना से नहीं किया था वादा.

गृह मंत्री न लोकसभा में उत्तराखंड में जारी राहत-बचाव कार्य का अपडेट भी दिया. गृह मंत्री ने कहा, मैं सदन को केंद्र सरकार की ओर से आश्वस्त करना चाहता हूं कि राहत और बचाव के सभी संभव उपाय राज्य सरकार के साथ समन्वय के साथ किये जा रहे हैं और जो भी आवश्यक कदम उठाने जरूरी हैं, वो उठाये जा रहे हैं.

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, एनटीपीसी परियोजना के 12 लोगों को एक सुरंग से सुरक्षित बचाया गया, ऋषिगंगा परियोजना के 15 लोगों को भी घटना के समय बचाया गया. एनटीपीसी परियोजना की दूसरी सुरंग में 25-35 लोगों के फंसे होने की आशंका, बचाव के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास जारी हैं.

गृह मंत्री अमित शाह ने सदन को जानकारी दी कि केंद्र और राज्य सरकार उत्तराखंड की स्थिति पर कड़ी निगाह रखे हुए हैं. प्रधानमंत्री खुद स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और राज्य को हर संभव सहायता मुहैया कराई जा रही हैं. अभी तक 20 लोगों की जान जा चुकी है, 6 लोग घायल हैं और 197 लोग लापता हैं. लापता व्यक्तियों को ढूंढने का काम भी बड़े पैमाने पर चल रहा है.