𝗜𝗔𝗡𝗦 𝗖-𝗩𝗼𝘁𝗲𝗿 O𝗽𝗶𝗻𝗶𝗼𝗻 P𝗼𝗹𝗹: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नीत लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) केरल में आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस-युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट गठबंधन और भारतीय जनता पार्टी को कड़ी टक्कर देने जा रहा है. एलडीएफ की ओर से राज्य की 140 में से 87 सीटें जीतने की संभावना है. आईएएनएस सी-वोटर सर्वेक्षण में शनिवार को यह अनुमान लगाया गया है। सर्वे में सामने आया है कि एलडीएफ राज्य में 40 प्रतिशत से अधिक के वोट शेयर के साथ सरकार बना सकता है.
शुक्रवार को भारत निर्वाचन आयोग ने केरल विधानसभा चुनाव के लिए मतदान कार्यक्रम की घोषणा की। केरल विधानसभा की सभी 140 सीटों के लिए एक ही चरण में मतदान होगा. 2016 के विधानसभा चुनाव में एलडीएफ ने सत्ता हासिल की थी. राज्य में कुल छह सप्ताह के दौरान 8,796 से अधिक प्रतिभागियों के बीच यह सर्वेक्षण किया गया है। एलडीएफ की 2016 के चुनावों में 41.9 प्रतिशत की तुलना में इस बार 40.1 प्रतिशत की वोट हिस्सेदारी हो सकती है. इस बार गठबंधन को पिछले बार से चार सीटें कम यानी 87 सीटें मिल सकती हैं. यह भी पढ़े: IANS C Voter Opinion Poll: पश्चिम बंगाल और असम के करीब 70 फीसदी जनता पीएम मोदी के काम से संतुष्ट
कांग्रेस की अगुवाई वाली युनाइटेड डेमोकेट्रिक फ्रंट (यूडीएफ) को 2016 में जहां 38.8 प्रतिशत वोट मिले थे, वही इस बार उसकी ओर से 32.6 प्रतिशत वोट शेयर जुटाने की उम्मीद है। हालांकि आगामी विधानसभा चुनाव में उसे इस बार 51 सीटें मिल सकती हैं, जबकि पिछले चुनावों में उसने 47 सीटों पर जीत दर्ज की थी.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का वोट शेयर 2016 में जहां 14.9 प्रतिशत रहा था, वहीं इस बार उसे 12.7 प्रतिशत वोट मिलने की उम्मीद है, हालांकि, सीटें एक पर स्थिर रहेंगी। इस बार भी भाजपा को पिछले चुनाव की तरह ही एक सीट पर जीत हासिल करने की संभावना जताई गई है। केरल लंबे समय से भाजपा के लिए एक अटूट किला बना हुआ है, जहां वह अपनी पकड़ मजबूत नहीं कर पा रही है.
सर्वेक्षणकर्ता ने प्रतिभागियों से पूछा कि वे आज विधानसभा चुनाव होने पर किसे वोट देंगे? इस सवाल के जवाब में 40.1 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे एलडीएफ के लिए वोट करेंगे. वहीं यूडीएफ पर 32.6 प्रतिशत और भाजपा पर 12.7 प्रतिशत लोगों ने भरोसा जताया.
निवर्तमान विधानसभा में सीपीआई-एम के नेतृत्व वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट के पास 91 सीटें हैं, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के पास 47 और भाजपा एवं पी.सी. जॉर्ज, जिनकी पार्टी ने तीन मोचरें में से किसी के साथ गठबंधन नहीं किया है, उनके पास एक-एक सीट हैं.
एलडीएफ में 14 दल शामिल हैं, जिनमें केरल कांग्रेस-मणि और तत्कालीन जनता दल-यू (अब लोकतांत्रिक जनता दल) शामिल है. वहीं यूडीएफ में फिलहाल सिर्फ पांच पार्टियां हैं.भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में भी पांच पार्टी शामिल हैं.इसके अलावा राज्य में भारत धर्म जनसेना के सहित कुछ छोटे दलों की मामूली उपस्थिति है.