मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच शुक्रवार को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) और अन्य पार्टी नेताओं ने बीजेपी (BJP) कार्यालय के बाहर उद्धव ठाकरे सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान राज्य सरकार द्वारा किसानों और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों व श्रमिकों के लिए 50,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की मांग की.
महाराष्ट्र में बीजेपी के दिग्गज नेता देवेंद्र फडणवीस राज्य की महा विकास अघाड़ी सरकार के खिलाफ लगातार आवाज उठा रहे है और इस महामारी से निपटने में विफल होने का आरोप लगा रहे है. उन्होंने कहा कि मुंबई में कोरोना की टेस्टिंग बढ़ाना बेहद जरुरी है. लेकिन 10,000 टेस्ट हर दिन की सुविधा होने के बावजूद केवल 4000 से 4500 ही टेस्ट हर रोज किए जा रहे है. कोरोना वायरस के जाल में फंसती जा रही है मुंबई, COVID-19 से संक्रमित मरीजों की संख्या हुई 25 हजार के पार
Mumbai: Former Maharashtra CM Devendra Fadnavis & other party leaders stage a demonstration outside state BJP office, demanding the announcement of a Rs 50,000-crore package for farmers, labourers & workers of unorganised sector by state govt. pic.twitter.com/8PVKjGFWhG
— ANI (@ANI) May 22, 2020
फडणवीस ने कहा कि जब तक हम संकट को स्वीकार नहीं करेंगे और इसके लिए तैयारी नहीं करेंगे, हम समस्या को हल करने में सक्षम नहीं होंगे. इससे पहले उन्होंने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार कोविड-19 महामारी की भयावहता को दबा रही है और जिन संदिग्ध मरीजों में कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं, उनकी जांच कराने से मना कर रही है.
In such a scenario more focus should be on testing in Mumbai.
But despite having facility of 10,000 tests/day, only 4000 to 4500 tests are done.
We won’t be able to solve the problem unless we acknowledge the crises and prepare for it.#CoronaInMaharashtra
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) May 21, 2020
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया था कि राज्य में ‘शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस’ गठबंधन सरकार इस संकट की स्थिति से सही तरीके से नहीं निपट रही है, जिसकी प्रदेश के लोग भारी कीमत चुका रहे हैं. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस का दावा है कि इस भीषण संकट के समय में भी सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक दलों के बीच न तो तालमेल है, ना ही राज्य सरकार के मंत्रियों के बीच किसी तरह का सामंजस्य है.