गडचिरोली, महाराष्ट्र: गडचिरोली पुलिस ने नक्सलियों के लिए एक नई उम्मीद जगी है. पुलिस ने सरेंडर करने वाले नक्सलियों को उनके पुनर्वास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. 48 सरेंडर करने वाले नक्सलियों को लॉयड मेटल्स के नए प्लांट में नौकरी देने का निर्णय लिया गया है. इन नक्सलियों को विभिन्न यूनिट्स में रोजगार दिया गया है, जहां उन्हें 15,000 से 20,000 रुपये मासिक वेतन मिल रहा है.
नई जिंदगी की शुरुआत
सुरेंद्रित नक्सली मनीराम अटला ने अपनी कहानी साझा की और बताया कि पहले वह गलत रास्ते पर थे, जहां उनकी जान का खतरा हमेशा बना रहता था. मनीराम ने कहा, "पहले मैं गलत रास्ते पर था, जहां मुझे मरने का पूरा यकीन था. फिर मैंने गडचिरोली में आत्मसमर्पण करने का निर्णय लिया और अब मुझे एक बेहतर जिंदगी जीने का मौका मिला. मैं लॉयड मेटल्स में नौकरी पाकर खुश हूं, जहां मुझे बिना किसी दबाव के एक बेहतर जिंदगी जीने का अवसर मिल रहा है."
पुलिस की सहायता से बदलाव
गडचिरोली पुलिस का यह कदम नक्सल प्रभावित क्षेत्र में स्थायी शांति की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है. यह न केवल सरेंडर करने वाले नक्सलियों के जीवन में बदलाव लाता है, बल्कि उनके परिवारों के लिए भी बेहतर भविष्य की संभावना पैदा करता है. लॉयड मेटल्स के प्लांट में काम करने से उन्हें रोजगार का अवसर मिला है, जिससे वे अपने परिवार का पालन-पोषण करने के साथ-साथ समाज में पुनः एक सशक्त सदस्य के रूप में जुड़ पाएंगे.
#WATCH | Gadchiroli, Maharashtra | Gadchiroli Police raises new hopes for surrendered Naxalites by offering them private jobs. A total of 48 surrendered Naxalites were selected for jobs at Lloyd Metals' newly established plant. They got employed in various units at a monthly… pic.twitter.com/OTMtQkQ732
— ANI (@ANI) January 10, 2025
आत्मसमर्पण और पुनर्वास: एक नई शुरुआत
गडचिरोली पुलिस के इस पहल से यह स्पष्ट होता है कि आत्मसमर्पण के बाद नक्सलियों के लिए एक नई शुरुआत संभव है. सरकार और पुलिस के प्रयासों से इन लोगों को सही दिशा में मार्गदर्शन मिल रहा है, जिससे वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं. यह पहल एक उदाहरण बन सकती है कि किस तरह से विभिन्न पहलुओं को जोड़कर नक्सलवाद से प्रभावित व्यक्तियों को मुख्यधारा में वापस लाया जा सकता है.