भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. मनमोहन सिंह (Dr. Manmohan Singh) ने गुरुवार को मुंबई (Mumbai) में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, 'बीजेपी (BJP) जिस बहुप्रचारित डबल इंजन मॉडल ऑफ गवर्नेंस (Double Engine Model of Governance) पर वोट मांगती है वह पूरी तरह से विफल रही है. महाराष्ट्र (Maharashtra) ने आर्थिक मंदी के कुछ सबसे बुरे प्रभावों का सामना किया है. महाराष्ट्र के मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ रेट में लगातार 4 साल की गिरावट दर्ज की गई है.' उन्होंने कहा, 'महाराष्ट्र भर मे कारोबारी धारणा काफी कमजोर, कई इकाइयां बंद हुई हैं. आर्थिक सुस्ती, सरकार की उदासीनता से भारतीयों के भविष्य और आकांक्षाओं पर असर पड़ रहा है.'
मनमोहन सिंह ने कहा, 'निचली मुद्रास्फीति की सनक से किसानों पर संकट, सरकार की आयात-निर्यात नीति से भी समस्याएं खड़ी हो रही हैं. बीजेपी सरकार सिर्फ विपक्ष पर दोष मढ़ने में जुटी है, समाधान ढूंढने में विफल रही है.' पंजाब एंड महाराष्ट्र (पीएमसी) कोआपरेटिव बैंक मामले में उन्होंने कहा, 'इस मामले में जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं प्रधानमंत्री, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री से 16 लाख जमाकर्ताओं के इस मुद्दे के समाधान की अपील करता हूं.'
Former PM Dr Manmohan Singh, in Mumbai, on PMC bank matter: I expect the govt of India, RBI and the govt of Maharashtra to put their head together and provide a credible, pragmatic and effective solution to this case where 16 Lakh depositors are trying for justice. https://t.co/f3m5MFY0Bz
— ANI (@ANI) October 17, 2019
मनमोहन सिंह ने कहा, 'मैं भारत सरकार, आरबीआई और महाराष्ट्र सरकार से अपेक्षा करता हूं कि वे एक साथ मिलकर इस मामले में एक विश्वसनीय, व्यावहारिक और प्रभावी समाधान प्रदान करें जहां 16 लाख जमाकर्ता न्याय की आस लगाए बैठे हैं.' उन्होंने कहा, 'मैंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का एक बयान देखा है, मैं उस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा, लेकिन मैं केवल यह बता सकता हूं कि अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए बीमारियों और उनके कारणों का सही निदान करने की आवश्यकता होगी.' यह भी पढ़ें- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगाया आरोप, कहा- सार्वजनिक बैंकिंग क्षेत्र में भ्रष्टाचार की गंदगी छोड़ गए थे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह.
Former PM Dr Manmohan Singh: Congress party voted in favor of bill to abrogate Art 370, not against it. We believe Art 370 is a temporary measure but if a change has to be brought, it should be with goodwill of people of J&K. Manner in which it was implemented is what we opposed. pic.twitter.com/8OAP4PHkqZ
— ANI (@ANI) October 17, 2019
अनुच्छेद 370 पर उन्होंने कहा, 'कांग्रेस पार्टी ने भी इस हटाने का समर्थन किया, हम भी मानते हैं कि यह अस्थाई था. लेकिन इसे जम्मू और कश्मीर के लोगों की भलाई के लिए हटाना चाहिए. जिस तरीके से इसे हटाया गया, उसका विरोध किया गया.