नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Elections 2020) की तारीखों के नजदीक आने के साथ ही नेताओं के बीच बयानबाजी का दौर तेज होता जा रहा है. आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्य प्रतिद्वंदी माने जाने वाले आम आदमी पार्टी (आप) और बीजेपी में खूब तल्ख टिप्पणिया की जा रही है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने बुधवार को कहा कि अगर जनता उन्हें आतंकी मानती है तो वोट ना दें. दरअसल बीजेपी नेताओं ने केजरीवाल को आतंकी कहा था. जिसके चलते आप सुप्रीमो ने यह बात कही.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा (Parvesh Verma) द्वारा आतंकी कहे जाने से मैं बहुत आहत हुआ. उन्होंने कहा “मैंने अपने परिवार या अपने बच्चों के लिए कभी कुछ नहीं किया और देश की सेवा में खुद को समर्पित कर दिया. आईआईटी में मेरे बैचमेट रहे 80 फीसदी विदेश चले गए. मैंने इनकम टैक्स कमिश्नर की नौकरी भी छोड़ दी.“ अपने बच्चों से कराओ कैम्पेन और दूसरों के बच्चों को बंदूक़ देकर हिंदुओं को कराओ बदनाम
उन्होंने आगे कहा “मैं इसे दिल्ली की जनता पर छोड़ता हूं, अगर आपको लगता है कि मैं आतंकी हूं तो 8 फरवरी को 'कमल' बटन दबाएं. और अगर आपको लगता है कि मैंने दिल्ली, देश और लोगों के लिए काम किया है तो 'झाड़ू' बटन दबाएं.
#WATCH Delhi CM Arvind Kejriwal on BJP MP Parvesh Verma calling him terrorist: I was very hurt. I've never done anything for my family or my children, and dedicated myself in service of country. 80% of my batchmates from IIT went to foreign.I left Income Tax Commissioner's job. pic.twitter.com/rxkdsjvgcl
— ANI (@ANI) February 5, 2020
वहीं, बीजेपी द्वारा हिंदू विरोधी कहे जाने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा “मैं हिंदू विरोधी कहां से हूं? मैं कट्टर हनुमान भक्त हूं. मुझसे पूछा गया कि क्या मैं हनुमान चालीसा जानता हूं, मैंने कहा हां और मैंने इसे सुना दिया. अब बीजेपी को इससे भी समस्या हो रह है.”
बता दें कि बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा (Parvesh Verma) के बाद केंद्रीय मंत्री और दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी के चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने भी अरविंद केजरीवाल को आतंकी कहा था. जिसके बाद से बीजेपी और आप आमने-सामने आ गई.
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आठ फरवरी को मतदान होना है. जबकि परिणाम 11 फरवरी को आने वाले है. इससे पहले चुनाव प्रचार चरम पर है. बीजेपी, आप और कांग्रेस तीनों दल एक दूसरे पर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), बेरोजगारी और तुष्टीकरण की राजनीति को मुद्दा बनाकर एक दूसरे पर निशाना साध रहे है.