यूरोपीय संसद के चुनावों के बीच डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडेरिक्सन पर हमला हुआ. कोपेनहेगन पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार करने की पुष्टि की है.डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडेरिक्सन पर शुक्रवार को राजधानी कोपेनहेगन के एक सार्वजनिक चौराहे पर हमला किया गया. फ्रांस की समाचार एजेंसी एएफपी को दिए एक बयान में डेनमार्क के प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा, "प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडेरिक्सन पर एक पुरुष ने कोपेनहेगन के कुल्टोर्वेट में शुक्रवार शाम हमला किया."
कोपेनहेगन पुलिस ने सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर एक व्यक्ति को गिरफ्तार करने की पुष्टि की है.
पुलिस के मुताबिक जांच अभी जारी है. हमला कैसे हुआ और प्रधानमंत्री को किस तरह की चोट आई है, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है. पीएमओ ने अपने देश के सरकारी प्रसारक डीआर को बताया कि इस घटना से प्रधानमंत्री "स्तब्ध" हैं. इस बात की जानकारी भी नहीं दी गई है कि हमला किस मंशा से किया गया.
गोली लगने के बाद गंभीर हालत में स्लोवाक प्रधानमंत्री
यूरोपीय संसद के चुनावों में हमले की निंदा
यूरोपीय संघ के देशों में फिलहाल यूरोपीय संसद के लिए चुनाव हो रहे हैं. 27 देशों में संघ में 6 जून से शुरू हुए चुनाव 9 जून तक चलेंगे. सदस्य देशों के सभी प्रमुख राजनीतिक दल इन चुनावों के लिए खूब प्रचार कर रहे हैं.
डैनिश प्रधानमंत्री फ्रेडेरिक्सन सोशल डेमोक्रैट्स के साथ क्रिस्टेल श्लाडेमोस के लिए चुनाव प्रचार कर रही थीं. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, हमले का प्रचार अभियान से कोई संबंध नहीं है.
यूरोप और दुनिया के कई अहम नेताओं ने इस हमले की निंदा की है. डेनमार्क के पड़ोसी देश स्वीडन के प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टेर्सन्स के मुताबिक, "लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुने गए एक नेता पर हमला, हमारे लोकतंत्र पर भी एक हमला है."
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला फोन डेय लाएन ने भी एक ट्वीट कर हमले की निंदा की है.
यूरोप में राजनेताओ पर बढ़ते हमले
यूरोपीय संसद के इन चुनावों में राजनेताओं पर हमले का एक नया चलन सामने आ रहा है. बीते मई में जर्मनी की सत्ताधारी पार्टी सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी (एसपीडी) के नेता माथियास एके पर चुनाव प्रचार के दौरान गंभीर हमला किया गया. ड्रेसडेन शहर में हुए उस हमले में एके का जबड़ा टूट गया और आंख में गंभीर चोट आई. चुनाव प्रचार के दौरान ग्रीन पार्टी की एक नेता पर थूका भी गया.
स्लोवाकिया में मई में प्रधानमंत्री रॉबेर्ट फिको की गोली मारकर हत्या करने की कोशिश की गई. गोली प्रधानमंत्री के पैर पर लगी. जून में जर्मनी की धुर दक्षिणपंथी पार्टी एएफडी के राजनेता पर जानलेवा हमला किया गया. इन हमलों के बाद जर्मनी में नेताओं की सुरक्षा बढ़ाने की मांग भी होने लगी है. यूरोप के अन्य देशों में भी ऐसे मामले आए हैं जब चुनाव प्रचार के दौरान नेताओं को आक्रामक स्वरों या व्यवहार का सामना करना पड़ा.
ओएसजे/आरएस (एपी, एएफपी)