नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने शुक्रवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा. कपिल सिब्बल ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 69 घंटे के बाद जागकर दिल्ली में शांति और शांति की अपील की. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, त्वरित प्रतिक्रिया! 69 घंटे की चुप्पी के बाद हमारे भाइयों और बहनों से अपील करने के लिए मोदीजी! धन्यवाद. इस बीच 38 लोगों की मौत, 200 से अधिक घायल, कई संपत्तियां नष्ट कर दी गई. हमारे सीएम ने प्रार्थना की! और आपके मंत्री ने कांग्रेस पर आरोप लगाया. कपिल सिब्बल ने कहा, प्रधानमंत्री को यह अपील पहले करनी चाहिए थी. गृह मंत्री अमित शाह ने ऐसी कोई अपील नहीं की. कपिल सिब्बल ने कहा गृह मंत्री को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करना चाहिए.
कपिल सिब्बल ने कहा, जो 8 सीटें बीजेपी ने जीती उनमें से 5 जो सीटें हैं वो इसी उत्तर पूर्वी दिल्ली में है तो क्यों केवल उत्तर-पूर्वी दिल्ली में ये हादसे हुए जहां बीजेपी जीती है, ये सवाल हमें पूछना होगा और इसका जवाब भी मिलना चाहिए.
प्रधानमंत्री पर कपिल सिब्बल का तंज-
Congress leader Kapil Sibal: Prime Minister Narendra Modi woke up after 69 hours and appealed for peace and calm in Delhi. He should have done it earlier. But Home Minister Amit Shah made no such appeal. The Home Minister should have visited the affected areas. #DelhiViolence pic.twitter.com/Odox9aGLKb
— ANI (@ANI) February 28, 2020
दिल्ली हिंसा पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा. मनमोहन सिंह ने दिल्ली हिंसा को राष्ट्रीय शर्म करार दिया. ये सीधे तौर पर केंद्र सरकार का फेलियर है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आम आदमी पार्टी और केंद्र सरकार को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा, हिंसा के दौरान दोनों सरकारें मूकदर्शक बनी रहीं.
दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर शिवसेना ने भी केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है. अपने मुखपत्र सामना में एक लेख में उसने कहा है कि जब दिल्ली जल रही थी तो गृहमंत्री अमित शाह कहां थे. सामना में लिखा गया, "जब दिल्ली में लोग मारे जा रहे थे तो केंद्र का आधा मंत्रिमंडल अहमदाबाद में 'नमस्ते, नमस्ते साहब' कहने के लिए गया था. शिवसेना ने कहा अब एनएसए अजीत डोभाल सड़कों पर लोगों से मिलते दिख रहे हैं, लेकिन सवाल यह है कि गृह मंत्री कब दिखेंगे.