: गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में कोलकाता डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले की सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पश्चिम बंगाल सरकार के वकील कपिल सिब्बल को फटकार लगाई. तुषार मेहता ने कहा, "किसी की जान चली गई है, कम से कम हंसिए तो नहीं."
यह नोकझोंक उस समय हुई जब सिब्बल कथित तौर पर उस समय "हंस" पड़े जब मेहता पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करने में हुई गंभीर चूकों की ओर इशारा कर रहे थे.
गुरुवार को सीबीआई ने कोलकाता के आर.जी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या की जांच में हुई प्रगति पर सुप्रीम कोर्ट को अपनी स्थिति रिपोर्ट सौंपी. रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण कड़ियों के गायब होने की बात सामने आई है. इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डी.वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की डिवीजन बेंच कर रही थी.
“At least dont Laugh!!!”
Solicitor General Tushar Mehta to Senior Advocate Kapil Sibal in #RGKarMedicalCollegeandHospital suo motu hearing#SupremeCourt Court pic.twitter.com/mOY5SOsP2H
— LawBeat (@LawBeatInd) August 22, 2024
सीबीआई की स्थिति रिपोर्ट में बताया गया कि अपराध स्थल को बदल दिया गया था और पीड़िता के परिवार को उनकी बेटी की मौत के बारे में गुमराह किया गया था. परिवार को सूचित किया गया था कि उनकी बेटी ने आत्महत्या की है.
सुनवाई के दौरान, सीबीआई के वकील तुषार मेहता ने एफआईआर दर्ज करने में देरी पर भी सवाल उठाए. मेहता ने बेंच से कहा, "सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पहली एफआईआर रात 11:45 बजे दर्ज की गई, जबकि शवदाह क्रिया हो चुकी थी. माता-पिता को बताया गया कि यह आत्महत्या थी, फिर हत्या बताया गया और फिर डॉक्टर के दोस्तों ने वीडियोग्राफी पर जोर दिया क्योंकि उन्हें कुछ संदेह था."
सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस द्वारा महिला डॉक्टर की असामान्य मृत्यु के मामले में देरी से एफआईआर दर्ज करने को "बेहद चिंताजनक" बताया. सुप्रीम कोर्ट ने विरोध कर रहे डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की
WATCH: Solicitor General Tushar Mehta appearing for the CBI & Senior Advocate Kapil Sibal appearing for the West Bengal govt go head-to-head before the Supreme Court bench led by CJI Chandrachud over the Kolkata rape and murder case. Watch the highlights of their fiery exchange! pic.twitter.com/OOEMAHm1CW
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सुप्रीम कोर्ट ने विरोध कर रहे डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की और उन्हें आश्वासन दिया कि वापसी के बाद उनके खिलाफ कोई अनुचित कार्रवाई नहीं की जाएगी.
पुलिस द्वारा कानूनी औपचारिकताओं के क्रम और समय पर सवाल उठाते हुए, चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि यह बेहद आश्चर्यजनक है कि पोस्टमार्टम 9 अगस्त को शाम 6.10 बजे से 7.10 बजे के बीच किया गया, जबकि असामान्य मृत्यु का मामला रात 11.30 बजे पंजीकृत किया गया.
बेंच ने कहा, "कैसे यह संभव है कि पोस्टमार्टम शाम 6.10 बजे हो और फिर भी असामान्य मृत्यु की जानकारी ताला पुलिस स्टेशन को रात 11.30 बजे भेजी जाती है. यह बेहद परेशान करने वाला है."
सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस के उस अधिकारी को अगले सुनवाई में पेश होने का निर्देश दिया जिसने बलात्कार-हत्या के मामले में पहली प्रविष्टि दर्ज की थी. उसे अगले सुनवाई में प्रवेश का समय बताने के लिए कहा गया.
Kapil sibal on the question of FIR BEING registered at 11.45 pm : The father registered it at 11.45pm
CJI : What was the Principal and Hospital administration doing till then ?pic.twitter.com/GyU3paQLsj
— Shubham tripathi (@shubhamtripat15) August 22, 2024
सीबीआई के वकील तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि एफआईआर रात 11.45 बजे दर्ज की गई, जबकि पीड़िता का अंतिम संस्कार पहले ही हो चुका था.
उन्होंने कहा, "राज्य पुलिस ने माता-पिता से पहले आत्महत्या की बात कही, फिर हत्या बताई. पीड़िता के दोस्त ने कवर-अप का संदेह जताया और वीडियोग्राफी पर जोर दिया."
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने विरोध कर रहे डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की और उन्हें आश्वासन दिया कि वापसी के बाद उनके खिलाफ कोई अनुचित कार्रवाई नहीं की जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों के वकील को बताया कि उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है क्योंकि वे कोलकाता बलात्कार-हत्या मामले में विरोध कर रहे थे.
बेंच ने कहा, "एक बार जब वे काम पर लौट आएंगे, तो हम अधिकारियों को अनुचित कार्रवाई नहीं करने की सलाह देंगे. अगर डॉक्टर काम नहीं करेंगे तो सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचा कैसे चलेगा?"
बेंच ने कहा, "अगर उसके बाद भी कोई कठिनाई होती है, तो हमारे पास आइए. लेकिन पहले काम पर लौटें." सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसका दिल सभी सार्वजनिक अस्पतालों में आने वाले मरीजों के लिए है.
सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों की एसोसिएशनों को आश्वासन दिया कि नेशनल टास्क फोर्स सभी हितधारकों की बात सुनेगी.
इस जूनियर डॉक्टर की बर्बर हत्या ने देशभर में विरोध प्रदर्शनों को जन्म दिया है. उसके शरीर पर गंभीर चोटों के निशान थे, जिसे राज्य के अस्पताल के चेस्ट विभाग के सेमिनार हॉल में पाया गया. कोलकाता पुलिस ने मामले के सिलसिले में अगले दिन 10 अगस्त को एक सिविक वॉलंटियर को गिरफ्तार किया.