नई दिल्ली: लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल 2019 (Citizenship Amendment Bill 2019) के पास होने के बाद बुधवार को इसे ऊपरी सदन राज्यसभा (Rajya Sabha) में पेश किया गया. जहां विपक्ष के लगातार हंगामे के बाद भी यह बिल पास हो गया है. गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) द्वारा इस बिल को राज्यसभा में पेश किया गया, जिसके बाद सदन में इस बिल पर करीब 6 घंटे तक बहस हुई. भारी हंगामे के बीच इस बिल के पक्ष में 125 और इसके विरोध में 105 वोट पड़े. बता दें कि विपक्ष इस बिल को संविधान विरोधी बताकर इसका लगातार विरोध कर रहा है. वहीं इस बिल के खिलाफ असम समेत पूर्वोत्तर के कई राज्यों में जोरदार प्रदर्शन किया जा रहा है. वहीं अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए शिवसेना (Shiv Sena) के सांसदों ने सदन से वॉकआउट किया.
शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत (Rajya Sabha MP Sanjay Raut) से जब पूछा गया कि क्या उन्होंने सदन में मतदान का विरोध किया है तो उनका कहना था कि हां शिवसेना ने मतदान का विरोध किया है. मतदान का विरोध करते हुए शिवसेना के सांसदों ने सदन से वॉकआउट किया और वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया.
शिवसेना ने किया मतदान का विरोध
Sanjay Raut, Shiv Sena's Rajya Sabha MP, on being asked if they have boycotted the voting: Yes, Shiv Sena has boycotted the voting. #CitizenshipAmendmentBill2019 pic.twitter.com/AfwxEWc5fs
— ANI (@ANI) December 11, 2019
संजय राउत ने मतदान का विरोध किए जाने पर कहा कि हमारी पार्टी और मुझे लगा कि जब जवाब ठीक से नहीं दिए जाते हैं तो ऐसे में बिल का समर्थन या विरोध करना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि हमनें यह नहीं कहा कि शरणार्थियों को नागरिकता नहीं दी जानी चाहिए, उन्हें दी जानी चाहिए, लेकिन अगर यह वोट बैंक की राजनीति के लिए एक साजिश है और आपके खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं तो उन्हें 25 साल पहले मतदान का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए था.
देखें ट्वीट-
Sanjay Raut, Shiv Sena: We didn't say that the refugees shouldn't be granted citizenship, they should be given. But we said that if it's a conspiracy for vote bank politics & allegations are being levelled against you then they should not be granted voting rights for 25 years. https://t.co/uTvd9I2cFu
— ANI (@ANI) December 11, 2019
इस बिल को लेकर अमित शाह ने कहा कि मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि नागरिकता बिल में किसी भी व्यक्ति की नागरिकता लेने का प्रावधान नहीं है, बल्कि नागरिकता देने का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि बंगाल समेत देश के सभी राज्यों में इस बिल को लागू किया जाएगा. यह भी पढ़ें: नागरिकता संशोधन बिल 2019 राज्यसभा से पास, पक्ष में पड़े 125 वोट, विपक्ष में 105
गौरतलब है कि सोमवार देर रात यह बिल लोकसभा में पास हो चुका है और आज राज्यसभा में भारी हंगामे के बीच यह बिल पास हो गया है. इस बिल के तहत बांग्लादेश (Bangladesh), अफगानिस्तान (Afghanistan) और पाकिस्तान (Pakistan) में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी. इस बिल के अनुसार, हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है.