सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे (Anna Hazare) ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के आश्वासन के बाद मंगलवार को अपना अनशन तोड़ दिया. अन्ना हजारे 30 जनवरी से भूख हड़ताल पर थे. सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को रालेगण सिद्धी (Ralegan Siddhi) जाकर अन्ना हजारे से मुलाकात कर अनशन तोड़ने की अपील की थी. इस दौरान सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमने तय किया है कि 13 फरवरी को लोकपाल (Lokpal) सर्च कमेटी की बैठक होगी और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के निर्देशों का पालन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि एक संयुक्त मसौदा समिति का गठन किया गया है जो एक नया विधेयक तैयार करेगी और हम इसे अगले सत्र में पेश करेंगे.
Maharashtra: Anna Hazare ends his fast in Ralegan Siddhi, Ahmednagar. He was on a fast since the last six days for the formation of Lokpal at the Centre and Lokayuktas in the states. pic.twitter.com/YBaJGK0Tec
— ANI (@ANI) February 5, 2019
Maharashtra CM Devendra Fadnavis: We have decided that the Lokpal search committee will meet on 13 February and the directions of the Supreme Court will be followed. A joint drafting committee has been set up, it will prepare a new bill and we will introduce it in next session. pic.twitter.com/6F2g73em7h
— ANI (@ANI) February 5, 2019
मंगलवार को अन्ना हजारे के अनशन का सातवां दिन था. अन्ना हजारे ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार पर लोकपाल नियुक्त करने और राज्य में लोकायुक्त कानून बनाने का वादा पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए 30 जनवरी से अनशन की शुरुआत की थी. अन्ना हजारे महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में अपने गांव रालेगण सिद्धी में अनशन पर बैठे थे. यह भी पढ़ें- Mamata vs CBI: ममता बनर्जी ने तीसरे दिन खत्म किया धरना, कहा- पीएम मोदी को दिल्ली छोड़ गुजरात जाना होगा
गौरतलब है कि अन्ना हजारे ने रविवार को आगाह किया था कि अगर नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने वायदे पूरे नहीं किए तो वह अपना पद्म भूषण लौटा देंगे. 81 वर्षीय अन्ना हजारे को 1992 में तीसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान दिया गया था.