नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) और एनआरसी यानी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (National Register of Citizens) को लेकर देश के विभिन्न इलाकों में विरोध प्रदर्शन का सिलसिला अब भी जारी है. सीएए (CAA) और एनआरसी (NRC) के विरोध की आग राजधानी दिल्ली में सबसे ज्यादा देखने को मिली है और इसका परिणाम दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 (Delhi Assembly Elections) के नजीतों पर भी देखने को मिला है. बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janata Party) को हार का सामना करना पड़ा है. दिल्ली के चुनावी नतीजों के बाद गुरुवार को केंद्रीय गृहमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह टाइम्स नाउ समिट (Times Now Summit) में पहुंचे, जहां उन्होंने एनआरसी के मुद्दे पर बात की.
टाइम्स नाउ समिट में एनआरसी के मुद्दे पर अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने कहा कि एनआरसी (NRC) पर कोई निर्णय नहीं किया गया है. यह हमारी पार्टी के मेनिफेस्टो में है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भी सार्वजनिक रूप से कहा है कि एनआरसी पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है. यह भी पढ़ें: Times Now summit 2020: पीएम मोदी बोले- सरकार ने बिना हिचकिचाए तीन तलाक, धारा 370 और सीएए जैसे कई बड़े फैसले लिए
एनआरसी पर बोले अमित शाह-
No decision has been made on the NRC. It is in our party's manifesto.
Even the PM has said publicly that no decision has been taken yet on NRC: Shri @AmitShah #TimesNowSummit pic.twitter.com/0ypPf4JyAI
— BJP (@BJP4India) February 13, 2020
इस समिट में अमित शाह ने दिल्ली चुनाव में मिली हार पर कहा कि मेरा आकलन गलत हो गया. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली चुनाव के नतीजे सीएए और एनआरसी का जनादेश नहीं है. हम चुनाव सिर्फ जीत-हार के मकसद से नहीं लड़ते हैं, क्योंकि बीजेपी एक ऐसी पार्टी है जो अपनी विचारधारा का विस्तार करने पर भरोसा करती है.
गौरतलब है कि नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन बिल एक रजिस्टर है जिसमें भारत में रह रहे सभी नागरिकों का रिकॉर्ड रखा जाएगा. इसका मकसद भारत में अवैध रूप से रह रहे घुसपैठियों को बाहर निकालना है. फिलहाल एनआरसी सिर्फ असम में ही लागू हुआ है, जबकि अमित शाह पहले ही यह साफ कर चुके हैं कि एनआरसी को पूरे देश में लागू किया जाएगा.