नई दिल्ली: राफेल डील पर कांग्रेस ने पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी के खिलाफ लगातार हमलावर रुख अख़्तियार कर रखा है. बता दें कि कांग्रेस ने इस मामले में केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को ज्ञापन सौंप कर राफेल सौदे (Rafale Deal) की जांच के लिए एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. साथ ही कांग्रेस ने इस सौदे से जुड़े सभी कागजात को जब्त करने की भी मांग की है.कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस ने CVC से इस डील की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की.
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि हमारा एक डेलिगेशन CVC से मिला, हमने इस मुद्दे पर उन्हें एक मेमोरेंडम भी दिया. हमने मांग की है कि इस मुद्दे से जुड़ी सभी फाइल सीज़ की जाए और एफआईआर दर्ज हो. यह भी पढ़े-राफेल डील पर BJP ने ढूंढा रॉबर्ट वाड्रा कनेक्शन, कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ी
A delegation of Congress has met with Central Vigilance Commission (CVC), submitted a detailed memorandum on #Rafale jet purchase scam. We have demanded CVC to take cognizance, to seize all files and documents and register an FIR: Anand Sharma, Congress pic.twitter.com/DRxc5fD520
— ANI (@ANI) September 24, 2018
उन्होंने कहा कि सारे कागजात और फाइलें जब्त की जाएं. आशंका यह है कि कागजात और फाइलें नष्ट की जा सकती हैं. इसलिए सीवीसी तत्काल कदम उठाए.'
सरकारी खजाने को 41205 करोड़ की चपत.
सीवीसी (CVC) को सौंपे ज्ञापन में राफेल सौदे से जुड़ा ब्यौरा देते हुए कांग्रेस ने कहा, 'भारत सरकार सरकारी खजाने को 41,205 करोड़ रुपये की चपत लगाने की दोषी है. यह भी पढ़े-राफेल डील: BJP नेता ने राहुल गांधी को दी खुली चुनौती, कहा- पीएम को गिरफ्तार कराएं या फिर खुद जेल जाने के लिए तैयार रहें
गौरतलब है कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान के बाद से ही कांग्रेस केंद्र सरकार पर हमलावर है. हालांकि सरकार ने राफेल डील (Rafale Deal) में किसी भी तरह के घोटाले की बात को खारिज किया है. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि राफेल डील में कोई घोटाला नहीं हुआ है. यह भी पढ़े-राफेल डील को लेकर मचे घमासान पर राहुल गांधी पर बरसे पात्रा, कहा- PAK और राहुल का एक लक्ष्य- 'मोदी हटाओ'
पिछले सप्ताह फ्रांस्वा ओलांद ने एक इंटरव्यू में केंद्र की मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाया था. उन्होंने अपने इंटरव्यू में कहा था कि जब PM नरेंद्र मोदी ने इस डील को हरी झंडी दिखाई थी तब इस सौदे के लिए ऑफसेट पार्टनर के तौर पर सिर्फ अनिल अंबानी (Anil Ambani) के रिलायंस का नाम दिया था. ओलांद के बयान के बाद कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गोपनीयता के उल्लंघन का आरोप लगाया.