बिहार में 'चमकी बुखार' से बच्चों की मौत पर BJP सांसद राजीव प्रताप रूडी बोले- लीची को जिम्मेदार ठहराना ठीक नहीं
राजीव प्रताप रूडी (Photo Credits: ANI)

बिहार (Bihar) के सारण लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद राजीव प्रताप रूडी (Rajiv Pratap Rudy) ने शुक्रवार को कहा कि हम सभी बिहार में पैदा हुए और बड़े हुए. हम बचपन से लीची (Litchi) खा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में एक ऐसी घटना हुई है जो लगभग एक महामारी है. करीब 120 बच्चों की जान चली गई है. बहरहाल, यह मानना बहुत ही अचंभित करने वाला है कि लीची इसका कारण है. उन्होंने कहा कि आज बिहार में 30 हेक्टेयर से अधिक लीची का उत्पादन होता है. सभी निर्यात (Export) रोक दिए गए हैं. मेरी चिंता यह है कि क्या वास्तव में ऐसा लीची के वजह से हो रहा है या फिर कोई और कारण है. लीची एक नकदी फसल (Cash Crop) है. इस उद्योग को खत्म नहीं करना है. हमें अधिक व्यावहारिक होकर बच्चों की मौत के पीछे का कारण खोजना चाहिए.

इससे पहले लोकसभा में शून्यकाल के दौरान राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि मुजफ्फरपुर में हालात बहुत चिंताजनक हैं. उन्होंने कहा कि हमें बताया गया है कि मुजफ्फरपुर में बच्चों द्वारा लीची का सेवन करना इन्सेफेलाइटिस का कारण हो सकता है. हम बचपन से लीची खा रहे हैं लेकिन हमें इन्सेफेलाइटिस नहीं हुआ. रूडी ने कहा कि कुछ भ्रामक जानकारी की वजह से कई लोगों ने लीची खाना और लीची का जूस पीना बंद कर दिया है. राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि सरकार को जांच करानी चाहिए कि मुजफ्फरपुर में एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम से बच्चों की मौत को लीची खाने से जोड़ना कहीं भारतीय लीची उत्पादक किसानों के हितों को नुकसान पहुंचाने का षड्यंत्र तो नहीं है. यह भी पढ़ें- बिहार में 'एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम' द्वारा हो रहे बच्चों की मृत्यु पर भड़के लोग, सोशल मीडिया यूजर्स ने सीएम नीतीश कुमार सहित कई नेताओं पर हमला बोला 

उधर, बिहार के स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को बताया कि राज्य के 16 जिलों में मस्तिष्क ज्वर से इस महीने की शुरुआत से 600 से अधिक बच्चे प्रभावित हुए हैं जिनमें से 136 की मौत हो गई है. मुजफ्फरपुर जिले में सबसे अधिक अब तक 117 की मौत हुई है. इसके अलावा भागलपुर, पूर्वी चंपारण, वैशाली, सीतामंढी और समस्तीपुर से मौतों के मामले सामने आए हैं.