![Parliament Budget Session 2025: संसद के बजट सत्र में वक्फ संशोधन समेत 16 बिल पेश होंगे, विपक्ष और सरकार के बीच टकराव की आशंका Parliament Budget Session 2025: संसद के बजट सत्र में वक्फ संशोधन समेत 16 बिल पेश होंगे, विपक्ष और सरकार के बीच टकराव की आशंका](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2025/01/Parliament-Budget-Session-2025-380x214.jpg)
नई दिल्ली: संसद का बजट सत्र शुक्रवार से शुरू हो रहा है, जिसमें आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश होने के साथ ही 16 महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा होगी. इनमें वित्त बिल 2025, वक्फ संशोधन अधिनियम, बैंकिंग विनियमन अधिनियम में बदलाव, और भारतीय रेलवे तथा रेलवे बोर्ड अधिनियमों के विलय जैसे प्रस्ताव शामिल हैं. इसके अलावा, आपदा प्रबंधन कानून, तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास) अधिनियम, तटीय व मर्चेंट शिपिंग से जुड़े विधेयक भी सदन में रखे जाएंगे.
प्रमुख विधेयकों पर एक नज़र
वक्फ (संशोधन) विधेयक
मुस्लिम चैरिटेबल संपत्तियों के प्रबंधन से जुड़े वक्फ कानून में 44 संशोधन का प्रस्ताव है. यह विधेयक पिछले साल अगस्त में संसद में पेश किया गया था, जिसके बाद विपक्ष ने जोरदार विरोध किया था.
संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने इस पर 14 सिफारिशें पेश की हैं, जिनमें से सभी सत्तारूढ़ दलों के सदस्यों द्वारा की गई थीं. विपक्ष की 44 सिफारिशों को खारिज कर दिया गया, जिससे तनाव बढ़ा.
वित्त बिल 2025
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आठवां बजट पेश करेंगी, जो मोरारजी देसाई के 10 बजट के रिकॉर्ड के करीब है.
इस बिल में आयकर अधिनियम 1961 में बड़े बदलाव की चर्चा है, हालांकि नया प्रत्यक्ष कर कोड (DTC) अलग से पेश किया जा सकता है. बैंकिंग कानूनों में संशोधन से ग्राहकों के हितों की सुरक्षा और निवेशकों को सुविधा मिलने की उम्मीद है.
रेलवे अधिनियमों का विलय
भारतीय रेलवे अधिनियम और रेलवे बोर्ड अधिनियम को एकीकृत करने का प्रस्ताव है, ताकि रेलवे प्रशासन को अधिक कुशल बनाया जा सके.
गोवा में एसटी समुदाय के प्रतिनिधित्व का पुनर्निर्धारण
गोवा विधानसभा सीटों को अनुसूचित जनजाति (ST) समुदाय के बेहतर प्रतिनिधित्व के लिए पुनर्गठित किया जाएगा.
आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक
केंद्र और राज्य स्तर पर आपदा प्रतिक्रिया को तेज करने के लिए डेटाबेस और योजनाओं को अपडेट किया जाएगा.
तेल क्षेत्र और समुद्री कानून
तेल उत्पादन व अन्वेषण नियमों को आधुनिक बनाने के लिए तेल क्षेत्र संशोधन विधेयक पेश होगा. वहीं, समुद्री माल ढुलाई और कोस्टल शिपिंग से जुड़े नए विधेयकों से इस क्षेत्र का विनियमन सुधरेगा.
अन्य प्रमुख विधेयक
इमिग्रेशन नियमों में बदलाव: विदेशियों के प्रवेश और निवास से जुड़े नियमों को संशोधित किया जाएगा.
इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट आनंद का नाम बदलकर त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय करने और उसे 'राष्ट्रीय महत्व का संस्थान' घोषित करने का प्रस्ताव है.
विपक्ष और सरकार के बीच टकराव की संभावना
वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर विपक्ष पहले ही आपत्ति जता चुका है. JPC की रिपोर्ट में विपक्षी सदस्यों की सिफारिशों को नज़रअंदाज करने के आरोपों के बीच, इस सत्र में गरमागरम बहस की उम्मीद है. वहीं, वित्त बिल में कर सुधारों को लेकर भी चर्चा तेज हो सकती है.
यह बजट सत्र सरकार के लिए आर्थिक और सामाजिक सुधारों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने का अवसर है. हालांकि, विधेयकों पर राजनीतिक मतभेद सत्र की गतिशीलता को प्रभावित कर सकते हैं. वक्फ और वित्त बिल जैसे प्रस्तावों पर सदन में होने वाली बहस देश की नीतिगत दिशा तय करेगी.