भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी को डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल (Debt recovery tribunal), पुणे ने मोदी और उनके सहयोगियों को पंजाब नेशनल बैंक (PNB) को ब्याज के साथ 7300 करोड़ रुपये चुकाने का आदेश दिया. DRT के पीठासीन न्यायाधीश दीपक ठक्कर ने मुंबई में PNB द्वारा दर्ज दो मामलों में आदेश पारित किया. ठक्कर के पास डीआरटी मुंबई का एडिशनल चार्ज भी है. नीरव मोदी के खिलाफ पीएनबी द्वारा दर्ज लगभग 1700 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी का एक और मामला डीआरटी मुंबई में लंबित है. ब्रिटिश जेल में बंद भगोड़े डायमंड व्यापारी नीरव मोदी की परेशानियां और बढ़ गई हैं.
इससे पहले नीरव मोदी को सिंगापुर उच्च न्यायालय ने बहुत बड़ा झटका दिया था. उन्होंने ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड में पंजीकृत पवेलियन प्वाइंट कॉर्प कंपनी के अकाउंट में पड़े 44.41 करोड़ रुपये फ्रीज करने का आदेश दिया था. ये अकाउंट मयंक मेहता और पूर्वी मेहता के नाम है. जो नीरव मोदी के बहन-बहनोई हैं. ये आदेश प्रवर्तन निदेशालय के अनुरोध पर दिया गया था कि खाते में जमा पीएनबी बैंक घोटाले की राशि को अवैध तरीके से भेजा गया है.
Debt Recovery Tribunal (DRT), Pune today passed an order asking Nirav Modi and his aides to repay amount to the tune of Rs 7300 crore with interest to Punjab National Bank (PNB). pic.twitter.com/domLEcsGdJ
— ANI (@ANI) July 6, 2019
यह भी पढ़ें: पीएनबी घोटाला: नीरव मोदी को बड़ा झटका, स्विट्जरलैंड में सीज हुए बैंक खाते
भगोड़े नीरव मोदी को 19 मार्च को लंदन में गिरफ्तार किया गया था, तब से वह न्यायिक हिरासत में है. इस बीच 26 फरवरी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मोदी की 147 करोड़ रुपये की संपत्ति को संलग्न किया. वह 13,000 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले का मुख्य आरोपी है. एफआईआर में मोदी के भाई और पत्नी को भी आरोपी बनाया गया है. उन्होंने कथित तौर पर लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स (LoUs) और विदेशी लेटर्स ऑफ क्रेडिट (FLCs) के फर्जी जारी के माध्यम से राज्य द्वारा संचालित PNB को धोखा दिया.