Petrol, Diesel To Become Cheaper? देश में पेट्रोल, डीजल, और एटीएफ (एविएशन टर्बाइन फ्यूल) से जुड़े लोगों के लिए राहतभरी खबर है. केंद्र सरकार ने सोमवार, 2 दिसंबर को विंडफॉल टैक्स को समाप्त कर दिया. इस फैसले से तेल कंपनियों जैसे रिलायंस और ओएनजीसी को बड़ा फायदा मिलेगा, और इससे आम जनता के लिए पेट्रोल-डीजल सस्ते होने की उम्मीद भी बढ़ गई है.
यह कदम आम जनता के लिए राहत ला सकता है, लेकिन यह पूरी तरह से तेल कंपनियों और सरकार की कीमत निर्धारण नीति पर निर्भर करेगा. टैक्स हटने से उत्पादन लागत कम होगी, जिसका असर ईंधन की कीमतों पर पड़ सकता है.
क्या है विंडफॉल टैक्स?
विंडफॉल टैक्स, एक विशेष प्रकार का कर है, जिसे सरकार ने जुलाई 2022 में लगाया था. इसका मकसद अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से तेल कंपनियों को हो रहे अप्रत्याशित मुनाफे का हिस्सा सरकारी खजाने में लाना था. यह टैक्स हर 15 दिनों में अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों के आधार पर संशोधित किया जाता था.
टैक्स हटाने का फैसला क्यों?
सरकार ने यह टैक्स उस समय लगाया था, जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें आसमान छू रही थीं. इससे तेल कंपनियों को रिफाइनिंग मार्जिन में भारी लाभ हो रहा था. लेकिन हाल के महीनों में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई है. इसके चलते, विंडफॉल टैक्स से सरकारी राजस्व में भी कमी हो गई.
- वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, "अब पेट्रोल, डीजल, एटीएफ और कच्चे तेल पर स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी (SAED) नहीं लगेगी."
- एटीएफ के सस्ते होने से हवाई सफर हो सकता है सस्ता: एयरलाइंस पर ईंधन का खर्च कम होने से टिकट के दामों में कमी की संभावना है.
- महंगाई पर सकारात्मक असर: ईंधन की कीमतें घटने से परिवहन और उत्पादन लागत में कमी आएगी, जिससे महंगाई कम हो सकती है.
सरकार का यह कदम तेल कंपनियों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में बदलाव और सरकार की भविष्य की नीतियां ईंधन की कीमतों को प्रभावित करेंगी. अब देखना यह है कि यह फैसला आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर क्या असर डालता है. जनता को उम्मीद है कि यह कदम महंगाई से कुछ राहत लेकर आएगा.