नई दिल्ली. केंद्र की मोदी सरकार के जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से ही भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बरकरार है. इस मसले पर समय-समय दोनों मुल्कों की तरफ से बयानबाजी भी होती रहती है. वही दूसरी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से कश्मीर को लेकर मध्यस्थता की पेशकश होती रहती है.इसी कड़ी में अमेरिकी राष्ट्रपति (US President Donald Trump) और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Pakistan PM Imran Khan) की स्विट्जरलैंड के दावोस में मंगलवार को मुलाकात हुई.इस दौरान ट्रंप ने कश्मीर मसले को लेकर भारत-पाकिस्तान की मदद करने की बात कही. उनके इस बयान पर अब विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया सामने आयी है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि कश्मीर मामले पर किसी तीसरे पक्ष की कोई जरूरत नहीं है और बातचीत के लिये उपयुक्त माहौल बनाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है. यह भी पढ़े-दावोस में डोनाल्ड ट्रंप ने की इमरान खान से मुलाकात, कहा-कश्मीर मसले को लेकर भारत-पाकिस्तान की मदद करने को तैयार
ANI का ट्वीट-
Raveesh Kumar, MEA on US President Donald Trump raising Kashmir issue again: Our position on the Kashmir issue and third party mediation has been very clear and consistent. Let me reiterate that there is no role for any third party in this matter. pic.twitter.com/cW8bQBFgkU
— ANI (@ANI) January 23, 2020
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से भारत एवं पाकिस्तान के बीच विवाद सुलझाने में मदद को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बयान के बारे में सवाल पूछा गया था. उन्होंने कहा कि कश्मीर पर हमारा रुख स्पष्ट और स्थिर है, इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है । और अगर कोई द्विपक्षीय मामला आता है तब दोनों देशों को द्विपक्षीय ढंग से सुलझाया जाना चाहिए जो शिमला समझौता और लाहौर घोषणापत्र की तहत हो.
कुमार ने कहा कि वार्ता के लिए उपयुक्त माहौल तैयार करना पाकिस्तान का दायित्व है जो आतंकवाद, शत्रुता और हिंसा से मुक्त हो. ’’उन्होंने कहा कि तभी दोनों देशों के बीच कोई अर्थपूर्ण बातचीत हो सकती है.
(भाषा इनपुट के साथ)
ANI का ट्वीट-
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से भारत एवं पाकिस्तान के बीच विवाद सुलझाने में मदद को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बयान के बारे में सवाल पूछा गया था. उन्होंने कहा कि कश्मीर पर हमारा रुख स्पष्ट और स्थिर है, इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है । और अगर कोई द्विपक्षीय मामला आता है तब दोनों देशों को द्विपक्षीय ढंग से सुलझाया जाना चाहिए जो शिमला समझौता और लाहौर घोषणापत्र की तहत हो.
कुमार ने कहा कि वार्ता के लिए उपयुक्त माहौल तैयार करना पाकिस्तान का दायित्व है जो आतंकवाद, शत्रुता और हिंसा से मुक्त हो. ’’उन्होंने कहा कि तभी दोनों देशों के बीच कोई अर्थपूर्ण बातचीत हो सकती है.
(भाषा इनपुट के साथ)