नई दिल्ली:- 16 दिसंबर 2012 की सर्द रात को हुए उस जघन्य कांड को सहने वाली निर्भया (Nirbhaya case) का दर्द आज भी कोई नहीं भूला है. निर्भया कांड ने पूरे देश को झकझोर के रख दिया था. इस घटना के बाद चारों आरोपियों की तरह ही ट्रायल कोर्ट ने अक्षय को भी फांसी की सजा सुनाई थी. इसी बीच पवन गुप्ता को तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया गया है. वहीं इन चार आरोपियों में से एक अक्षय कुमार सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में फांसी की सजा को लेकर पुनर्विचार याचिका दायर की है. इससे पहले पवन और मुकेश की पुनर्विचार याचिका दाखिल कर चुकें हैं जिनकी याचिका को खारिज कर दिया गया था. इससे पहले दोषी विनय शर्मा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर अपनी दया याचिका वापस लेने की मांग की है. वहीं अब हैदराबाद कांड के बाद इन आरोपियों को भी जल्दी से जल्दी सजा मिले इसकी मांग जनता करने लगी है.
इस अपराध के सिलसिले में गिरफ्तार आरोपियों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी जबकि एक अन्य आरोपी किशोर था जिसे अधिकतम तीन साल की कैद हुयी थी. शीर्ष अदालत ने नौ जुलाई को तीन दोषियों मुकेश, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की उन याचिकाओं को खारिज कर दिया था जिनमें उन्होंने मौत की सजा के 2017 के उसके फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध किया था.
Nirbhaya case: One of the convicts in the case, Akshay Kumar Singh, has filed review petition before the Supreme court. Akshay was sentenced to death by a trial court in the case. His sentence was upheld by Delhi High Court and the Supreme Court.
— ANI (@ANI) December 10, 2019
वहीं नवंबर महीने में दिल्ली की पटियाला हाईकोर्ट ने निर्भया सामूहिक दुष्कर्म व हत्याकांड ( Nirbhaya Gang Rape and Murder) मामले में दायर मृतका की मां की याचिका स्वीकार ली थी. जिसमें मृतका के माता-पिता ने याचिका में कहा था कि चारों दुष्कर्मियों को फांसी देने का मामला दूसरे जज के पास फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलना चाहिए. यह भी पढ़ें:- निर्भया रेप-हत्याकांड: आरोपी पवन को मंडोली से तिहाड़ जेल किया गया शिफ्ट, फांसी को लेकर हलचल तेज ?
पूरे देश को झकझोर के रख दिया था
गौरतलब हो कि 16 दिसंबर, 2012 को दक्षिणी दिल्ली में 23 साल की पीड़िता के साथ छह आरोपियों द्वारा चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म किया गया था. इसके बाद पीड़िता पर गंभीर रूप से हमला किया गया और उसे और उसके पुरुष साथी को इस सबके बाद चलती गाड़ी से नीचे फेंक दिया गया. जिसके बाद निर्भया को 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल भर्ती कराया गया था.
लेकिन इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गयी थी. इस दुष्कर्म ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. छह आरोपियों में से एक नाबालिग था, जिसे रिमांड होम भेजा गया था, वहीं एक अन्य आरोपी ने जेल में खुद को फांसी लगा ली थी.