निर्भया रेप-हत्याकांड: आरोपी पवन को मंडोली से तिहाड़ जेल किया गया शिफ्ट, फांसी को लेकर हलचल तेज ?
तिहाड़ जेल ( फोटो क्रेडिट- PTI )

नई दिल्ली:- साल 2012 में दुनिया को दहला देने वाला निर्भया हत्याकांड (Nirbhaya case) के दोषी पवन गुप्ता को दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट कर देने की खबर आ रही है. इससे पहले पवन को मंडोली जेल बंद था. जहां से उसे तिहाड़ में शिफ्ट किया जा रहा है. इसी जेल में अन्य तीन आरोपी बंद हैं. इन चारों आरोपियों को फांसी की सजा दी गई है. अब निर्भया कांड के चारो आरोपी विनय शर्मा, मुकेश, पवन और अक्षय इस वक्त तिहाड़ जेल में एक साथ बंद हैं. सभी आरोपियों को अलग जेल में रखा है और उनपर सीसीटीवी से नजर रखा जा रहा है. कुछ दिनों पहले खबर आई थी कि तिहाड़ जले में फंसी की डमी प्रैक्टिस की गई थी. अब सुगबुगाहट शुरू हो गई है कि क्या आरोपियों को जल्दी ही फांसी की सजा दी जाएगी. फिलहाल यह अटकलें हैं क्योंकि अधिकारिक तौर पर अभी तक कुछ जानकारी सामने नहीं आई है.

हैदराबाद रेप हत्या कांड के बाद जब पुलिस ने आरोपियों को एनकाउंटर में मार गिराया. उसके बाद से निर्भया कांड के आरोपियों को जल्दी सजा देने की मांग उठने लगी है. वहीं इससे पहले नवंबर महीने में दिल्ली की पटियाला हाईकोर्ट ने निर्भया सामूहिक दुष्कर्म व हत्याकांड ( Nirbhaya Gang Rape and Murder) मामले में दायर मृतका की मां की याचिका स्वीकार ली थी. जिसमें मृतका के माता-पिता ने याचिका में कहा था कि चारों दुष्कर्मियों को फांसी देने का मामला दूसरे जज के पास फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलना चाहिए. यह भी पढ़ें:- निर्भया हत्याकांड: माता-पिता चाहते हैं, फास्ट ट्रैक कोर्ट में हो फांसी पर सुनवाई.

बता दें कि विनय शर्मा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर अपनी दया याचिका वापस लेने की मांग की है. दोषी विनय शर्मा ने अपने वकील ए.पी. सिंह के माध्यम से शनिवार को राष्ट्रपति को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि उसे दया याचिका वापस लेने की अनुमति दी जाए. पत्र में दावा किया गया है कि गृह मंत्रालय द्वारा राष्ट्रपति को भेजी गई दया याचिका पर उसका हस्ताक्षर नहीं है. केंद्रीय गृह मंत्रालय और दिल्ली सरकार द्वारा राष्ट्रपति से 2012 के निर्भया के दुष्कर्म और हत्या मामले में एक दोषी द्वारा दायर दया याचिका को खारिज करने की सिफारिश करने के बाद पीड़िता की मां ने भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा है और दया याचिका को खारिज करने की अपील की है.

निर्भया कांड जिसनें पूरे देश को झकझोर के रख दिया था

गौरतलब हो कि 16 दिसंबर, 2012 को दक्षिणी दिल्ली में 23 साल की पीड़िता के साथ छह आरोपियों द्वारा चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म किया गया था. इसके बाद पीड़िता पर गंभीर रूप से हमला किया गया और उसे और उसके पुरुष साथी को इस सबके बाद चलती गाड़ी से नीचे फेंक दिया गया.बाद में पीड़िता ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था. इस दुष्कर्म ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. छह आरोपियों में से एक नाबालिग था, जिसे रिमांड होम भेजा गया था, वहीं एक अन्य आरोपी ने जेल में खुद को फांसी लगा ली थी.