आयकर विभाग ने पैन कार्ड के इस्तेमाल को लेकर बड़ा बदलाव किया है. इस संबंध में आयकर विभाग ने पैन को लेकर नियमों का एक नया सेट जारी किया है. नए नियम आगामी 5 दिसंबर 2018 से लागू हो जाएंगे. नए नियम के अनुसार ऐसी वित्तीय संस्थाएं जो कि वित्तीय वर्ष में 2.5 लाख रुपये या इससे अधिक का लेन-देन करती हैं, उनके लिए पैन नंबर अनिवार्य हो जाएगा. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने बीते सप्ताह ही अपनी एक अधिसूचना में कहा था कि अगर कोई व्यक्ति वित्तीय वर्ष में 2.50 लाख रुपये या इससे अधिक का लेन-देन करता है तो उसे पैन नंबर के लिए 31 मई 2019 से पहले आवदेन देना होगा.
नए नियम के तहत अगर आप किसी कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं या फिर डायरेक्टर, पार्टनर, ट्रस्टी, ऑथर, फाउंडर, सीईओ और प्रिंसिपल ऑफिसर हैं. और आपके पास पैन कार्ड नहीं है, तो फिर आपको 31 मई तक पैन कार्ड के लिए अप्लाई करना होगा.
जानें नए PAN कार्ड नियमों से जुड़ी 5 खास बातें:
- आयकर नियम 1962 में किए गए नए संशोधन के मुताबिक वित्त वर्ष में 2.5 लाख या उससे ज्यादा का वित्तीय लेन-देन करने वाली संस्थाओं के लिए पैन कार्ड के लिए आवेदन करना अनिवार्य है. यह आवेदन 31 मई 2019 तक करना ही होगा.
- नए इनकम टैक्स नियम व्यक्तिगत करदाताओं के लिए नहीं बल्कि संस्थाओं के लिए जारी किए गए हैं. इस नए नियम के मुताबिक, अब उन निवासी संस्थाओं को पैन नंबर लेना होगा चाहे वित्तीय वर्ष के दौरान उनकी कुल बिक्री, टर्नओवर या सकल रसीद पांच लाख रुपये से अधिक न भी हों. टैक्स के जानकारों का कहना है कि इससे आयकर विभाग को वितीय लेन-देन पर नजर रखने में मदद मिलेगी. इससे टैक्स की चोरी रोकने और कर का आधार बढ़ाने में मदद मिलेगी.
- आयकर विभाग ने पैन कार्ड के लिए भरे जाने वाले फॉर्म में कुछ निश्चित बदलाव की भी घोषणा की है. इसमें आयकर नियम में संशोधन किए गए हैं. इसमें यह कहा गया है कि कुछ खास स्थिति में पैन कार्ड पर पिता का नाम होना अनिवार्य नहीं होगा.
- सीबीडीटी के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि वैसे लोगों के पैन कार्ड पर पिता का नाम अनिवार्य नहीं होगा जिनकी सिर्फ मां ही माता-पिता या अभिभावक के रूप में हैं.
- नए नियम के अनुसार घरेलू कंपनियों के लिए भी पैन रखना जरूरी होगा, भले ही उनकी कुल बिक्री, टर्नओवर या सकल रसीदें वित्त वर्ष में 5 लाख रुपये से कम हों. इससे आयकर विभाग को टैक्स चोरी रोकने में मदद मिलेगी.