महाराष्ट्र: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (All India Congress Committee) के शेड्यूल कास्ट डिपार्टमेंट के चेयरमैन नितिन राउत ( Nitin Raut) ने गुरुवार 24 दिसंबर को महाराष्ट्र के सीएम (CM) उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को पत्र लिखकर गन्ने के खेतों में काम करने वाली बीड और उस्मानाबाद की महिला मजदूरों के लिए मदद की गुहार लगाई है. नितिन राउत ने अपने इस पत्र में लिखा कि बीड और उस्मानाबाद में करीब 30 हजार से ज्यादा गरीब महिलाएं हैं जिन्हें सर्जरी के जरिए अपना यूट्रस निकलवाना पड़ा है, क्योंकि वे पीरियड्स के दौरान खेतों में काम नहीं कर पाती थी, दर्द की वजह से उन्हें छुट्टी लेनी पड़ती थी, जिसकी वजह से उनके पैसे काट लिए जाते थे. नितिन राउत ने पत्र में उद्धव ठाकरे से इन गरीब महिलाओं के लिए कोई समाधान निकालने की गुहार लगाई है , ताकि रोजी रोटी कमाने के लिए उन्हें अपनी जान जोखिम में न डालनी पड़े.
महाराष्ट्र के बीड जिले में सूखे की वजह से गरीबी बहुत है, इसलिए महिलाओं को अपनी रोजी रोटी कमाने के लिए दूसरों के खेतों में काम करना पड़ता है. काम के लिए उन्हें गांव से बाहर भी जाना पड़ता है. मजदूर महिलाओं को लगातार काम मिलता रहे और उन पर जुर्माना न लगे, इसलिए वो अपना गर्भाशय निकलवा देती हैं.
पढ़ें ट्वीट:
Maharashtra Minister Nitin Raut: Thousands of women sugarcane labourers from Beed&Osmanabad have undergone uterus removal surgery. It's saddening as they did so to avoid few days' wage loss. I've requested CM to address their grievances. Govt will certainly find solution to it. pic.twitter.com/RQH5BcJYBs
— ANI (@ANI) December 25, 2019
बता दें कि जून में महाराष्ट्र (Maharashtra) के बीड (Beed) जिले में 4605 महिलाओं का गर्भाशय निकालने का मामला सामने आया. शिवसेना (Shiv Sena) की सदस्य नीलम गोरहे ने राज्य विधान परिषद में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा था कि बीड जिले में गन्ने के खेत में काम करने वाली औरतों के गर्भाशय निकाल लिए गए ताकि माहवारी के चलते उनके काम में ढिलाई न आए और जुर्माना न भरना पड़े. इसका जबाव देते हुए महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने बताया था कि बीते तीन साल में बीड जिले में 4,605 महिलाओं के गर्भाशय निकाल दिए गए. बीड जिले के सिविल सर्जन की अध्यक्षता में गठित समिति ने पाया कि ऐसे आपरेशन 2016-17 से 2018-19 के बीच 99 निजी अस्पतालों में किए गए.