मुंबई: महाराष्ट्र में आखिरकार कैबिनेट का विस्तार हो गया है. रविवार को 39 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली. नागपुर के राजभवन में आयोजित इस शपथ ग्रहण समारोह में 42 सदस्यीय नई कैबिनेट तैयार की गई. खास बात यह है कि यह मंत्रिमंडल ढाई साल के विशेष फॉर्मूले पर आधारित है, जिसके तहत मंत्रियों को कार्यकाल के दौरान बदलने का मौका दिया जाएगा. आज 33 विधायकों ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली, जबकि छह ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली. बता दें कि महाराष्ट्र में मंत्रिपरिषद में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 43 सदस्य हो सकते हैं.
महाराष्ट्र कैबिनेट का विस्तार; 39 विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ; यहां देखें पूरी लिस्ट.
2.5 साल का फॉर्मूला
महाराष्ट्र में नई कैबिनेट के लिए ढाई साल का विशेष फॉर्मूला अपनाया गया है. इसका मतलब है कि मंत्रियों का कार्यकाल तय सीमा तक रहेगा, जिसके बाद नए विधायकों को मौका दिया जाएगा. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार (15 दिसंबर) को कहा कि आज शपथ लेने वाले मंत्री ढाई साल का कार्यकाल पूरा करेंगे, जिसके बाद उनके प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी.
एनसीपी नेता और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा, "हर कोई मंत्री बनना चाहता है, लेकिन पद सीमित हैं. हम ढाई साल बाद अन्य विधायकों को भी यह मौका देंगे." मंत्रिमंडल से बाहर रखे गए प्रमुख नेताओं में एनसीपी के छगन भुजबल और दिलीप पाटिल और बीजेपी के सुधीर मुनगंटीवार शामिल हैं.
मंत्री पद का बंटवारा: BJP, शिवसेना और NCP को क्या मिला?
महाराष्ट्र में सत्ता साझा करने के लिए बीजेपी, शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट), और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के बीच सहमति बनी है.
BJP: 19 मंत्री
शिवसेना: 11 मंत्री
NCP (अजित पवार): 9 मंत्री
नागपुर में क्यों हुआ शपथ ग्रहण?
यह आयोजन महाराष्ट्र की उप-राजधानी नागपुर में हुआ. खास बात यह है कि 33 साल बाद नागपुर में ऐसा समारोह आयोजित किया गया. इससे पहले 1991 में सुधाकरराव नाइक सरकार ने यहां मंत्रिमंडल विस्तार किया था.