मुंबई: महाराष्ट्र विधानभा चुनाव 2019 (Maharashtra Assembly Election) में कुछ समय शेष बचा है. पूरे महाराष्ट्र में नेताओं के रैलियों का सिलसिला शुरू हो गया है. जिन गांव-शहर को नेता भूल गए थे अब वहां रैलियों का आयोजन हो रहा है. कांग्रेस-एनसीपी जीत के हर संभव कोशिश कर रही है. तो वहीं बीजेपी सत्ता में वापसी को लेकर पूरा दम लगा रही है. खैर ये तो चुनाव का दौर है लेकिन साथ-साथ रहने वाली पार्टियों के भीतर का आंतरिक कलह यह बता रहा है कि चुनाव का परिणाम अगर 19-20 हुआ तो रिश्तों में दरार में आ सकती है. दरअसल शिवसेना, बीजेपी के साथ जरुर है लेकिन अपना मंशा पहले ही जाता चुकी है कि आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने का सपना है. अगर इस बार के विधानसभा चुनाव में शिवसेना 80 से ज्यादा सीटों का आंकड़ा पार करती है तो बीजेपी के लिए चुनौती बन सकती है.
दरअसल सीटों के ऐलान से पहले शिवसेना-बीजेपी (Shiv Sena - BJP) में मुख्यमंत्री पद को लेकर जबरदस्त खींचतान हुई थी. तब शिवसेना ने कहा कि अगला सीएम उनकी ही पार्टी का होगा. फिर क्या सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों पक्षों ने अपने आपको सरस बताने की हर मुमकिन कोशिश की. यहां तक कि सीट बंटवारे से जुड़ी परेशानियों को जाहिर करते हुए संजय राउत ने कहा था कि ये बंटवारा भारत-पाकिस्तान के बंटवारे से भी भयंकर है. साल 2019 लोकसभा चुनाव से पहले भी बीजेपी और शिवसेना के बीच सीटों के बंटवारे पर किचकिच हुई थी. लेकिन इस बार फिर दोनों दलों ने समझौता कर एक बार फिर से गठबंधन कर चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया. इस बार बीजेपी और शिवसेना के बीच 150-124 सीटों पर सहमति बनी.
यह भी पढ़ें:- हरियाणा चुनाव 2019: कैथल में अमित शाह ने कांग्रेस को मारा ताना, कहा- राफेल की पूजा भी इन्हें बुरी लगती है.
लेकिन इस चुनाव में अगर शिवसेना को 80 सीटों से ज्यादा मिलती है तो दोनों में रार फिर शुरू हो सकती है. ऐसे में शिवसेना के पास एक और ऑप्शन है एनसीपी और कांग्रेस के साथ जाने का. अगर ऐसा भविष्य में कुछ होता है तो एनसीपी और कांग्रेस दोनों ही शिवसेना के साथ दोस्ती कर सकती है. तब इस पूरे मामले में ट्वीस्ट आ जाएगा. ऐसे में शिवसेना अपनी पार्टी के नेता यानी आदित्य ठाकरे को सीम की कुर्सी पर बिठा देंगे.
बता दें कि महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिये उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ने वरली विधानसभा सीट से पर्चा दाखिल किया है. यह पहला मौका है जब ठाकरे परिवार का कोई सदस्य चुनाव में उतरा है. यह पार्टी के लिये भी इस बात की परीक्षा होगी कि वह जनता का मन जीतने के लिये पार्टी के युवा नेतृत्व की लोकप्रियता पर भरोसा कर सकती है या नहीं. इसी के साथ अब आदित्य को लेकर शिवसेना सीएम पद के सपने बुनने लगी है.
यह भी पढ़ें:- महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019: ये हैं सूबे की 5 VIP सीट जहां दिग्गजों की किस्मत है दांव पर.
वहीं बीजेपी को इस बात का आभास है कि आने वाले समय में शिवसेना अगर अधिक सीट लेकर जीत जाती है तो उनका सीएम नहीं होगा. यही वजह है कि महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव (Maharashtra and Haryana Assembly Elections) में पीएम मोदी हरियाणा में चार रैलियों को संबोधित करेंगे तो वहीं महाराष्ट्र में नौ जनसभाओं को संबोधित करेंगे.
दोनों राज्यों में 21 अक्टूबर को वोटिंग होगी. नतीजे 24 अक्टूबर को आएंगे. बहरहाल, महाराष्ट्र और हरियाणा चुनावों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) अगले हफ्ते से चुनावी मोड में आ जाएंगे. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सबसे बड़े स्टार प्रचारक पीएम मोदी हरियाणा में चार रैलियों को संबोधित करेंगे तो वहीं महाराष्ट्र में नौ जनसभाओं को संबोधित करेंगे.