Madhya Pradesh: भोपाल के गैस पीड़ित इलाकों में अन्य क्षेत्रों की तुलना में कैंसर के ढाई गुना मरीज
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भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भेापाल (Bhopal) में लगभग 38 साल पहले हुए यूनियन कार्बाइड गैस (Union Carbide Gas Tragedy) हादसे के पीड़ित परिवार अब भी उस दंश को झेलने पर मजबूर हैं. इसके चलते इन इलाकों मे बीमारियां अन्य सामान्य इलाकों की तुलना में कहीं ज्यादा हैं. यहां कैंसर (Cancer) पीड़ित मरीजों की संख्या अन्य क्षेत्रों के मुकाबले ढाई गुना है.

सम्भावना क्लीनिक के सदस्यों ने अपने सामुदायिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण के परिणाम प्रस्तुत करते हुए बताया कि यूनियन कार्बाइड की जहरीली गैस से प्रभावित आबादी में कैंसर की दर इसी शहर की अपीड़ित आबादी की तुलना में ढ़ाई गुना से भी अधिक थी. Amul Hikes Milk Price: महंगाई का एक और झटका, अमूल दूध के दाम में तीन रुपये प्रति लीटर का इजाफा

जनसेवी गैर सरकारी संस्था ने सर्वेक्षण कर दावा किया है कि गैस प्रभावित आबादी में कैंसर से पीड़ित अधिक महिलाएं है इनमें फेफड़ों के कैंसर की उच्च दर है.

जानकारी इकट्ठा करने की प्रक्रिया के बारे में बताते हुए डेटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर प्रेमचंद ने कहा, पिछले साल हमने यूनियनकार्बाइड के कारखाने से दो किलोमीटर के दायरे में रहने वाली 1483 परिवारों के घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया था. इनमें गैस पीड़ितों की संख्या 6185 थी. साथ ही हमने 5740 व्यक्तियों की जानकारी एकत्र की, जो कारखाने से आठ किमी से अधिक दूर रह रहे थे और 1984 की गैस हादसे से प्रभावित नहीं थे. केवल मान्यता प्राप्त क्लिनिक या अस्पताल से कैन्सर की निदान वाले लोगों को सर्वेक्षण में शामिल किया गया था.

सामुदायिक कार्यकर्ता तस्नीम जैदी ने बताया कि दो समूहों में कैंसर पीड़ितों को बांटा गया, जिसमें पाया गया कि गैस के संपर्क में आई 32 फीसदी और 15 फीसदी गैर-संपर्क वाले व्यक्ति थे. हमने अप्रभावित आबादी में फेफड़ों के कैंसर वाले एक व्यक्ति की पहचान की, जबकि गैस के संपर्क में आने वाली आबादी में फेफड़ों के कैंसर वाले आठ व्यक्ति थे.

सामुदायिक कार्यकर्ता फरहत जहां ने सर्वेक्षण पर और विस्तार से कहा, हमने समुदायों को चुनने में बहुत सावधानी बरती ताकि सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों में गैसकाण्ड से प्रभावित और अप्रभावित दोनों आबादी एक जैसे हों. हमने तम्बाकू सेवन जैसे संबंधित मामलों पर भी जानकारी एकत्र की और पाया कि धूम्रपान करने वालों और तम्बाकू चबाने वालों की संख्या अप्रभावित आबादी में डेढ़ गुना अधिक थी.

संभावना क्लीनिक वर्ष 1996 से चल रहा है और जहरीली गैस और दूषित भूजल के संपर्क में आए 36 हजार से अधिक लोगों को दीर्घकालिक देखभाल प्रदान की है. सम्भावना ट्रस्ट एक पंजीकृत क्लीनिक चलाता है.