Bandhavgarh Tiger Reserve Fire: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में लगी भीषण आग, 3 दिन बाद पाया गया काबू, देखें वीडियो
बांधवगढ़ वन क्षेत्र में लगी आग (Photo Credits: Twitter)

भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उमरिया जिले में स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Reserve) इस वक्त एक बड़े संकट से जूझ रहा है. पिछले तीन दिनों में प्रसिद्ध बांधवगढ़ नेशनल पार्क (Bandhavgarh National Park) के ताला (Tala), मगधी (Magadhi) और खितौली (Khitauli) क्षेत्रों में जंगल की आग (Wildfire) फैल गई. फिलहाल आग पर काबू पा लिया गया है, लेकिन तत्काल सफलता नहीं मिलने के कारण काफी नुकसान हुआ है. मुख्यमंत्री चौहान ने बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य में लगी आग के बारे में जानकारी ली

प्राप्त जानकारी के मुताबिक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व को इस आग से बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचने की उम्मीद है. जंगल के पेड़ और झाड़ियों को नुकसान होने के आलावा कई छोटे जीव-जंतु, पशु और पक्षी के जलकर मरने का आशंका है. सोमवार को इस राष्ट्रीय पार्क के एक हिस्से में लगी आग देखते ही देखते छह वन रेंजों तक फैल गई और लगातार आगे भड़कती रही. इस क्षेत्र में बांस के झुरमुटों और तपन बढ़ने से आग पर काबू पाने में मुश्किलें आई और आग तेजी से बढ़ती गई.

अधिकारियों का मानना ​​है कि यह आग ग्रामीणों की गलती से लगी है. यहां रहने वाले ग्रामीण आम तौर पर महुआ और अन्य गैर-लकड़ी वन उपज इकट्ठा करने के लिए जमीन पर पड़े हुए पत्तों को आग लगा देते हैं. पर्यावरणविदों और स्थानीय कार्यकर्ताओं ने संरक्षित क्षेत्र के भीतर बाघों और अन्य लुप्तप्राय प्रजातियों के आग से संभावित नुकसान पर चिंता प्रकट की है.

एक वन्य अधिकारी ने बताया कि आग से हुए नुकसान का अभी तक पता नहीं चल पाया है. उन्होंने कहा “हम भी आश्चर्यचकित हैं कि आग कई स्थानों पर कैसे शुरू हो सकती है. आग पर काबू पाने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं.” हालांकि, इससे किसी व्यक्ति के हताहत होने की खबर नहीं है और न ही किसी वन्य-जीव की मृत्यु की अब तक पुष्टी हुई है.

मध्य प्रदेश के जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘मामले को गंभीरता से लेते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को वन विभाग के अधिकारियों से बांधवगढ़ वन क्षेत्र में आग लगने की घटना के बारे में जानकारी प्राप्त की.’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘समीक्षा बैठक के दौरान वन विभाग के प्रमुख सचिव ने जानकारी दी कि आग पर नियंत्रण पा लिया गया है. किसी भी तरह की हानि नहीं हुई है. किसी वन्य-जीव की मृत्यु भी नहीं हुई है.’’

उन्होंने बताया कि प्रमुख सचिव ने कहा है कि क्षेत्र में वन विभाग के दलों को तैनात किया गया और आग पर काबू पाने के लिए एक कार्य-योजना भी तैयार की गई. बताया जा रहा है कि घने जंगलों में घंटों तक आग लगी रही जब तक कि वन अधिकारियों, पुलिस और ग्रामीणों ने बुधवार सुबह इसे नियंत्रण में लाने के लिए एक साथ काम शुरू नहीं किया. बांधवगढ़ के प्रति वर्ग किमी में 7-8 बाघ रहते है. इस संरक्षित क्षेत्र में बड़ी बिल्लियों की सबसे अधिक आबादी है. 105 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैले बांधवगढ़ पार्क को 1968 में राष्ट्रीय उद्यान और 1993 में आरक्षित घोषित किया गया था.