Koo App: देश में जारी किसान आंदोलन (Farmers Protest) के बीच सरकार के आदेशों के बावजूद देश-विरोधी गतिविधियों को मंच देने और प्रोत्साहित करने को लेकर ट्विटर (Twitter) और केंद्र सरकार (Union Government) लगातार आमने-सामने है. अब मोदी सरकार ट्विटर के खिलाफ एक्शन के मोड़ में आ गई है. इसी कड़ी में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics and Information Technology) और कई अन्य सरकारी संगठनों ने ट्विटर का एक स्वदेशी विकल्प ढूंढ लिया है और स्वदेश में निर्मित (Made In India) 'कू' ऐप का रुख किया है. इन संगठनों के अब कू (Koo App) पर आधिकारिक अकाउंट हैं. ऑनलाइन वेब पोर्टल 'योर स्टोरी' की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को सरकार के नोटिस का जवाब देने में विफल रहने के बाद ट्विटर (Twitter) के खिलाफ यह कदम उठाया है.
कू पर पाए जाने वाले सरकारी मंत्रालयों के खातों में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय, MyGov, डिजिटल इंडिया, इंडिया पोस्ट और NIC के हैंडल में शामिल हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्रीय आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद (IT Minister Ravi Shankar Prasad) पिछले साल अगस्त से भारत में निर्मित माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म का हिस्सा रहे हैं. रविशंकर प्रसाद के कू ऐप पर 4.29 लाख से ज्यादा फालोअर्स हैं. इसके अलावा शिपिंग मिनिस्टर मनसुख मंडाविया भी स्वदेशी ऐप कू पर हैं. उनके पास देसी माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट पर बड़ी संख्या में अनुयायी हैं. उन्हें कू पर 2.34 लाख से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं. यह भी पढ़ें: Farmers Protest: ट्विटर को किसान प्रोटेस्ट के बारे में गलत और भड़काऊ कंटेंट फैलाने वाले खातों को हटाने के निर्देश दिए
उल्लेखनीय रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने पिछले हफ्ते ट्विटर पर 257 अकाउंट को ब्लॉक करने के लिए कहा था जो 'मोदी की किसान नरसंहार की योजना' (Modi Planning Farmer Genocide) हैशटैग का उपयोग कर रहे थे और किसानों के आंदोलन के बीच फेक, डराने वाले और उत्तेजक ट्वीट्स कर रहे थे. हालांकि ट्विटर ने सरकार के नोटिस का जवाब नहीं दिया.
पिछले हफ्ते भी केंद्र ने किसान आंदोलन के संबंध में ट्विटर से किसानों के संबंध में 1 हजार से अधिक खातों को सस्पेंड करने के लिए कहा था, लेकिन माइक्रोब्लॉगिंग साइट ने इस आदेश का पालन नहीं किया है. ट्विटर के सीईओ कैक डोरसी जैसे ही ट्विटर पर रिहाना के स्टैंड को लाइक किया था, वैसे ही विवाद और गहरा गया. कू ऐप एक ऐसा माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म है, जो कई भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है. अगस्त 2020 में केंद्र सरकार द्वारा आयोजित आत्मनिर्भर ऐप इनोवेशन चैलेंज के विजेताओं में कू ऐप भी शामिल था.