सिख धर्म के संस्थापक बाबा गुरु नानक देवजी के 550वें प्रकाशोत्सव (550th birth anniversary of Baba Guru Nanak) के अवसर भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरिडोर ( Kartarpur corridor ) खुलने में अब महज कुछ ही दिन बचे हैं. इसी बीच बीएसएफ (BSF) सूत्रों का कहना है कि करतारपुर जिस नरोवल जिले में पड़ता है वहां खुफिया एजेंसियों ट्रैनिंग कैंप मौजूद हैं. इसके साथ ही उन्होंने अपने सहयोगी एजेंसियों से इस विषय में इनपुट मांगा है. इन ट्रेनिंग कैंपों में बड़े पैमाने पर महिला और पुरुष आतंकवादियों को ट्रेनिंग दी जा रही है. इसी के साथ कई चुनौतियां भी सुरक्षाबलों के आगे खड़ी हो रही हैं. सूत्रों की माने तो पाकिस्तान के कुछ अराजक तत्वों द्वारा भारत विरोधी कारस्तानी हो अंजाम दे सकते हैं. इसके साथ ही इसका इस्तेमाल ड्रग स्मगलिंग के लिए भी किया जा सकता है.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डेरा बाबा नानक में बने अत्याधुनिक यात्री टर्मिनल भवन (PTB) का आठ नवंबर को उद्घाटन करेंगे. जिसके बाद 12 नवंबर को गुरू नानाक देवजी के 550 वें प्रकाश पर्व पर इसे खोल दिया जाएगा. पाकिस्तान सरकार ने भारत और दुनियाभर से आ रहे सिख तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए करतारपुर कॉरिडोर में 80 काउंटर लगाए हैं, ताकि पवित्र तीर्थस्थल व सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के अंतिम विश्राम स्थल के दर्शन में उन्हें किसी असुविधा का सामना न करना पड़े.
BSF Sources: Terror training camps are situated in Muridke, Shakargarh, and Narowal areas in Punjab(Pakistan) where a substantial number of men &women are reportedly camping and undergoing training. Sister agencies are requested to develop further inputs on these organisations. pic.twitter.com/WLuFRFXVYa
— ANI (@ANI) November 4, 2019
भारत से आ रहे तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए अधिकारियों ने तीन प्रवेशद्वार बनाए हैं और वापस भारत लौटने वाले तीर्थयात्रियों को एक निश्चित गेट में से होकर गुजरना होगा. उनके आगमन पर उनके पासपोर्ट्स को स्कैन किया जाएगा और इसके बाद उन्हें एक स्पेशल बस से गुरुद्वारा दरबार साहिब ले जाया जाएगा, जिसमें उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पाकिस्तान रेंजर्स के दस्ते तैनात होंगे. भारत और पाकिस्तानी दोनों ही देशों के श्रद्धालुओं को गुरुद्वारा दरबार साहिब के अंदर प्रवेश करने से पहले बायोमेट्रिक स्कैनिंग की प्रक्रिया में से होकर गुजरना पड़ेगा.
गौरतलब हो कि करतारपुर साहिब गुरुद्वारा भारतीय सीमा से करीब 4.5 किलोमीटर की दूरी पर पाकिस्तानी पंजाब के नरोवल जिले में है. करतारपुर साहिब गुरुद्वारा सिखों के लिए परम पूजनीय है. यहां सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने अपने जीवन के 18 साल बिताएं. सिख लंबे समय से इस पवित्र स्थल पर जाने की मांग कर रहे थे और उनकी भावनाओं के मद्देनजर भारत व पाकिस्तान ने बीते साल, 2019 के 31 अक्टूबर तक एक कॉरिडोर निर्माण पर सहमति जताई. ( एजेंसी इनपुट )