जम्मू, 28 दिसंबर : दक्षिण कश्मीर में भारी बर्फबारी के बीच कुलगाम जिले के मुनाद गांव के एक स्थानीय निवासी से कॉल मिलने के बाद भारतीय सेना तुरंत मदद के लिए आगे आई. मुनाद गांव के मुश्ताक अह लोन अपनी गर्भवती बेटी सूजी जान को अस्पताल ले जाने के लिए तत्काल सहायता के लिए हट्टीपुरा स्थित राष्ट्रीय राइफल्स कैंप पहुंचे. उनकी बेटी की स्थिति गंभीर थी और बर्फबारी के कारण सड़कें अवरुद्ध हो चुकी थी. ऐसे में मुश्ताक अहमद लोन ने तुरंत सेना से मदद की गुहार लगाई.
आर्मी कैंप हट्टीपुरा की बचाव टीम ने बिना समय गंवाए त्वरित कार्रवाई की. उन्होंने तुरंत सूजी जान को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाने के लिए राहत कार्य शुरू किया. बर्फ जमा होने के कारण सड़क की स्थिति अत्यधिक खतरनाक हो गई थी, जिससे गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाने में बड़ी मुश्किलें आ रही थी. ऐसी स्थिति को देखते हुए राष्ट्रीय राइफल्स कैंप हट्टीपुरा की बचाव टीम ने तुरंत जेसीबी मशीन का उपयोग किया. यह भी पढ़ें : Year Ender 2024: नीतीश की ‘पलटी’ और नए लोगों के ‘आगाज’ से बदलती रही बिहार की सियासी चाल
इस मशीन के माध्यम से बर्फ को हटाया गया और एक एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई ताकि महिला को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया जा सके. इसके बाद गर्भवती महिला सूजी जान को सावधानीपूर्वक और सुरक्षित रूप से सरकारी अस्पताल तक पहुंचाया गया. दरअसल, कश्मीर में बर्फबारी के कारण अक्सर आपातकालीन स्थिति पैदा हो जाती है. खासकर पहाड़ी इलाकों में जहां सड़कें बंद हो जाती हैं और बिजली की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है. ऐसे में भारतीय सेना का सक्रिय और त्वरित हस्तक्षेप बहुत महत्वपूर्ण होता है.
श्रीनगर के अलावा गांदरबल, अनंतनाग, कुलगाम, शोपियां और पुलवामा जिलों के मैदानी इलाकों में भी मौसम की पहली बर्फबारी दर्ज की गई. भारी बर्फबारी के कारण श्रीनगर-लेह राजमार्ग और मुगल रोड भी बंद हो गया. श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी यातायात प्रभावित हुआ, जिससे करीब दो हजार वाहन फंस गए. वहीं, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि बर्फ हटाने के प्रयास जारी हैं.