कमलेश तिवारी हत्याकांड: पुलिस ने किया स्पष्ट- मौलाना अनवारुल हक की नहीं हुई गिरफ्तारी, जांच जारी
कमलेश तिवारी को गोली मारकर हत्या (Photo Credit-Facebook)

लखनऊ: हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी हत्याकांड (Kamlesh Tiwari Murder Case) मामले में पुलिस ने शनिवार सुबह खबर आई कि बिजनौर से मौलाना अनवारुल हक (Maulana Anwarul Haq) को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन इसके बाद बरेली जोन के एडीजी अविनाश चंद्र ने बताया कि  मौलाना अनवारुल हक को गिफ्तार नहीं किया गया है. जांच अभी जारी है. इससे पहले शुक्रवार को हिंदू नेता की हत्या के मामले में बिजनौर के दौ मौलानाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. मौलाना मुफ्ती नईम काजमी, इमाम मौलाना अनवारूल हक पर एफआईआर दर्ज की गई है. साल 2015 में दोनों मौलानाओं ने कमलेश के सिर पर 1.5 लाख का इनाम रखा था.

कमलेश तिवारी की पत्नी किरन ने एफआईआर दर्ज कराई. नाका हिंडोला थाने में एफआईआर दर्ज हुई है .हत्या, आपराधिक साजिश की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है. मौलाना मुफ्ती नईम काजमी, इमाम मौलाना अनवारूल हक पर एफआईआर दर्ज की गई है. कमलेश तिवारी की पत्नी ने शिकायत में कहा कि उनके पति को इन दोनों ने साल 2016 में जान से मारने की धमकी दी थी.

यह भी पढ़ें- कमलेश तिवारी हत्याकांड: बिजनौर के दो मौलानाओं पर केस दर्ज, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मांगी रिपोर्ट.

नहीं हुई मौलाना अनवारुल हक की गिफ्तारी-

पुलिस ने बताया कि भगवा रंग के कपड़े में आए दो हमलावर खुर्शेदबाग में तिवारी के आवास पर बने कार्यालय में गये और चाकू से पहले वार किया फिर गोली भी मारी. वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों फरार हो गए. यूपी के पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने बताया कि हत्यारे करीब 30 मिनट से अधिक समय तिवारी के साथ रहे. ऐसा लगता है कि किसी परिचित ने इसे अंजाम दिया है. सिंह ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज से अहम सुराग हासिल हुए हैं और पुलिस मामले का जल्द ही खुलासा करेगी. हत्यारों को पकड़ने के लिए पुलिस की दस टीमें लगाई गई हैं.

कुछ साल पहले तिवारी ने पैगंबर मुहम्मद को लेकर विवादास्पद टिप्पणी की थी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था. उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया गया था. हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने उनके खिलाफ एनएसए रद्द कर दिया था.