
PM Modi’s 2022 Security Breach Case: पंजाब के फिरोजपुर जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 5 जनवरी 2022 की रैली के दौरान हुई सुरक्षा चूक के मामले में बड़ा कदम उठाया गया है. फिरोजपुर की अदालत ने भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) और क्रांतिकारी पेंडू मजदूर यूनियन के 25 सदस्यों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं. इन नेताओं पर प्रधानमंत्री की सुरक्षा में खलल डालने और प्रदर्शन करने के आरोप हैं. दरअसल, 5 जनवरी 2022 को प्रधानमंत्री मोदी को फिरोजपुर में एक रैली को संबोधित करना था. उन्हें हुसैनीवाला में शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पीजीआई के उपग्रह केंद्र का शिलान्यास करना था.
लेकिन पीआरए फ्लाईओवर पर किसानों के प्रदर्शन के कारण प्रधानमंत्री को वापस लौटना पड़ा. इस घटना के बाद 6 जनवरी 2022 को अज्ञात लोगों के खिलाफ एक मामूली धारा 283 (सार्वजनिक मार्ग में बाधा) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी.
जांच और आरोप
भाजपा नेताओं की आपत्ति के बाद इस मामले में तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया. जांच के बाद एफआईआर में गंभीर धाराएं जोड़ी गईं, जिनमें आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 353 (लोक सेवक पर हमला), 149 (गैरकानूनी सभा), और राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम की धारा 8-बी शामिल हैं. एफआईआर में 26 लोगों को नामजद किया गया, जिनमें किसान नेता बलदेव सिंह ज़ीरा और कई अन्य शामिल हैं.
पुलिस की कार्रवाई
3 जनवरी 2025 को अदालत ने आरोपियों को 22 जनवरी तक गिरफ्तार कर पेश करने का आदेश दिया. आरोपियों में से एक, मेजर सिंह की मौत हो चुकी है. वहीं, कामलजीत सिंह ने अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया था, जिसे 14 जनवरी को खारिज कर दिया गया. पुलिस लगातार दबाव बना रही है और उनके घरों पर छापेमारी कर रही है.
किसानों का आरोप
बीकेयू (क्रांतिकारी) के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई केंद्र सरकार के दबाव में हो रही है. उन्होंने कहा, "हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण था. हमें गलत तरीके से फंसाया जा रहा है." फूल ने यह भी दावा किया कि पुलिस किसानों को डराने के लिए छापेमारी कर रही है.
यह मामला केंद्र और पंजाब सरकार के बीच तनाव बढ़ा सकता है. किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर दबाव बढ़ाया गया तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे. फिलहाल, पुलिस की कार्रवाई और किसानों का विरोध जारी है.