जेपी इंफ्राटेक (Jaypee Infra) लगभग चार साल पहले दिवालिया हो गयी थी. बोली जीतने वाली कंपनी जेपी इंफ्राटेक का अधिग्रहण करेगी और दिल्ली-एनसीआर में विभिन्न परियोजनाओं में 20,000 से अधिक लंबित आवासों को पूरा करेगी. कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) के तहत सरकारी कंपनी एनबीसीसी और सुरक्षा समूह के समाधान प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए जेआईएल की ऋणदाता समिति ने यह बैठक की थी. सूत्रों के अनुसार 13 बैंकों समेत बीस हजार आवास खरीदारों के प्रतिनिधियों वाली ऋणदाता समिति ने दोनों कंपनियों के प्रस्ताव पर मतदान करने का फैसला किया है.
मतदान प्रक्रिया सोमवार से शुरू हो सकती है और 23 जून तक चलेगी. ऋणदाता समिति में आवास खरीदारों के पास 56.63 प्रतिशत मतदान अधिकार है जबकि ऋणदाताओं के पास 43.25 प्रतिशत और शेष मतदान अधिकार सावधि जमा धारकों के पास है. सूत्रों के अनुसार ऋणदाता समिति के बैठक से पहले अंतरिम समाधान पेशेवर (आईआरपी) अनुज जैन ने समिति को रिपोर्ट सौपी. जिसमें उन्होंने कहा कि एनबीसीसी का प्रस्ताव आईबीसी (ऋण शोधन अक्षमता और दिवाला संहिता) के अनुरूप है. यह भी पढ़ें : उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने बताया- प्रदेश में ब्लैक फंगस के कुल मरीजों की संख्या 356 हुई, 56 की मौत
हालांकि आईआरपी रिपोर्ट में चिंता जताई कि यमुना एक्सप्रेसवे में 90 प्रतिशत हिस्सेदारी बैंकों को हस्तांतरित करने से संबंधित एनबीसीसी का प्रस्ताव इस साल मार्च में पारित उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुरूप नहीं था. उल्लेखनीय है कि जेआईएल अधिग्रहण मामले में प्रस्ताव पर मतदान के निर्णय को लेकर यह चौथी बैठक थी