पटना: नागरिकता संशोधन विधेयक ( Citizenship Amendment Bill) को समर्थन देने के मामले में जद (यू) के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) पार्टी की चेतावनी के बाद भी अपने रुख से पीछे नहीं हटे हैं. उन्होंने शुक्रवार को एकबार फिर नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। ऐसे में जद (यू) अब उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है. जद (यू) के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन ट्वीट कर नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने अपनी पार्टी के रुख के खिलाफ जाते हुए ट्वीट किया, "बहुमत से संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक पास हो गया.
न्यायपालिका के अलावा अब 16 गैर भाजपा मुख्यमंत्रियों पर भारत की आत्मा को बचाने की जिम्मेदारी है, क्योंकि ये ऐसे राज्य हैं, जहां इसे लागू करना है. उन्होंने आगे लिखा, "तीन मुख्यमंत्रियों (पंजाब, केरल और पश्चिम बंगाल) ने सीएबी और एनआरसी को नकार दिया है और अब दूसरे राज्यों को अपना रुख स्पष्ट करने का समय आ गया है. उल्लेखनीय है कि इससे पहले जद (यू) ने अपने नेताओं को ऐसे बयानों से बचने की सलाह दी थी, परंतु किशोर ने उन सलाहों को नजरअंदाज करते हुए एक बार फिर अपनी नाराजगी सार्वजनिक की है. जद (यू) के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने शुक्रवार को कहा कि किसी भी निर्णय पर सहमत नहीं होने पर अपने विचार पार्टी फोरम में रखना चाहिए. यह भी पढ़े: नागरिकता संशोधन बिल 2019: AAP सांसद संजय सिंह बोले-ये संविधान की मूल आत्मा को नष्ट करने वाला विधेयक, इसलिए हम इसका विरोध करते हैं
The majority prevailed in Parliament. Now beyond judiciary, the task of saving the soul of India is on 16 Non-BJP CMs as it is the states who have to operationalise these acts.
3 CMs (Punjab/Kerala/WB) have said NO to #CAB and #NRC. Time for others to make their stand clear.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 13, 2019
उन्होंने किसी को भी ऐसे सार्वजनिक बयानों से बचने की सलाह देते हुए कहा कि सार्वजनिक रूप से पार्टी के रुख के खिलाफ नहीं जाना चाहिए. सूत्रों का कहना है कि जद (यू) प्रशांत किशोर पर कार्रवाई कर सकती है। सूत्रों का यह भी दावा है कि किशोर अपने रुख से पीछे नहीं हटने का मन बना चुके हैं. ऐसे में किशोर का बागी तेवर आगे भी देखने को मिल सकता है, जबकि जद (यू) क्या और कब कार्रवाई करती है, यह देखने वाली बात होगी.
इस बीच, प्रशांत किशोर के बगावती तेवर को देखते हुए उन्हें विपक्षी दलों के महागठबंधन में आने का निमंत्रण मिलने लगा है. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि जद (यू) अब धर्मनिरपेक्षता की नीति से हट चुका है. ऐसे विचार रखने वालों की वहां कोई कद्र नहीं है.उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर को अब महागठबंधन के साथ आ जाना चाहिए. उल्लेखनीय है कि सीएबी का लोकसभा और राज्यसभा में जद (यू) ने समर्थन किया है.