केंद ने सभी कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को दिया निर्देश, कहा- बढ़ती मांग के बीच सभी प्लांट्स को 30 सितंबर तक पूरी क्षमता से चलाएं
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उत्तर भारत के कई हिस्सों में गर्मी बढ़ने के कारण बिजली की बढ़ती मांग के बीच केंद्र सरकार ने सभी कोयला आधारित संयंत्रों को 30 सितंबर तक पूरी क्षमता से चलने को कहा है. सरकार ने गर्मी के मौसम में पर्याप्त बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 16 मार्च से 15 जून तक विद्युत अधिनियम की धारा 11 लागू की थी. अब उसने इस प्रावधान को 30 सितंबर तक बढ़ा दिया है. यह भी पढ़ें: डिजिटल अर्थव्यवस्था में सुरक्षा का मुद्दा एक वैश्विक चुनौती, मिलजुलकर काम करने की जरूरत- राज्यमंत्री चंद्रशेखर

सोमवार को एक पत्र के माध्यम से बिजली मंत्रालय द्वारा सभी कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को इसकी जानकारी दी गई.

विस्तार इसलिए दिया गया है, क्योंकि 9 जून को अधिकतम बिजली की मांग 223 गीगावॉट तक पहुंच गई थी और सरकार का अनुमान है कि इस साल चरम मांग 230 गीगावॉट तक पहुंच जाएगी.

ग्रिड कंट्रोलर ऑफ इंडिया द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, 11 जून को मांग 206.6 गीगावाट तक पहुंच गई थी.

मॉनसून के आने में देरी और लू के थपेड़ों के कारण बिजली की मांग में वृद्धि हुई है.