Figs Are Non-Veg: क्या अंजीर नॉनवेज फल है? जानें क्या है 'डेड-वास्प' प्रक्रिया, जिसके चलते जैन और शाकाहारी लोग करते हैं इससे परहेज (Watch Video)
अंजीर/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

Figs Are Non-Veg: फल और सब्जियां शाकाहारी आहार का मुख्य हिस्सा हैं. जैन धर्म में भी व्यक्ति आहार संबंधी कुछ नियमों का पालन करते हैं. शाकाहारी और जैन दोनों के अपने-अपने आहार प्रतिबंध हैं और वे अक्सर अपने भोजन में भरपूर मात्रा में ताज़ी पौधों की किस्में शामिल करते हैं, लेकिन सभी पौधों की किस्में नहीं. यहां हम एक अजीब फल के बारे में बात कर रहे हैं जो 'शाकाहारी-अनुकूल' श्रेणी में बिल्कुल फिट नहीं बैठता है. उस फल का नाम अंजीर (Fig) है, फल को परागण प्रक्रिया में मरने के लिए ततैया (Dead Wasp) की आवश्यकता होती है, जिससे कई लोगों का मानना ​​​​है कि फल संगत नहीं है. पौधे-आधारित आहार अंजीर पर अक्सर 'नॉन-वेज' के रूप में बहस की जाती है. भले ही अंजीर सलाद में या नाश्ते के रूप में बेहद लोकप्रिय विकल्प है, लेकिन 'डेड-वास्प' प्रक्रिया (Dead-Wasp) जैन (Jain) और शाकाहारी (Vegetarian) लोगों को अंजीर खाने से रोकती है.

क्या अंजीर 'नॉन-वेज' फल है?

अंजीर अपनी अनूठी, नाशपाती जैसी आकृति की बनावट के लिए प्रसिद्ध है. फल के अंदर छोटे-छोटे बीज होते हैं, जो उनकी विशिष्ट बनावट और पौष्टिक स्वाद को बढ़ाते हैं. अंजीर को ताजा या सुखाकर खाया जाता है और अक्सर खाना पकाने और बेकिंग में उपयोग किया जाता है, जो विभिन्न व्यंजनों को समृद्ध बनाता है. हालांकि, अंजीर फल नहीं बल्कि आंतरिक रूप से खिलने वाले फूल हैं और कई फूलों की तरह अंजीर को परागित किया जाता है और कीड़ों द्वारा प्रचारित किया जाता है, विशेष रूप से अंजीर ततैया यानी फिग वास्प (Fig Wasps).

'मृत ततैया' परागण प्रक्रिया

अंजीर के पेड़ों के लिए परागण प्रक्रिया अद्वितीय है, इसमें ततैया की मृत्यु शामिल है. अपने चक्र के अंत में एक मादा ततैया अपने अंडे देने के लिए अंजीर के फूल के एक छोटे से छेद में रेंगती है. इस प्रक्रिया के दौरान उसके एंटेना और पंख टूट गए, जिससे कुछ ही समय बाद उसकी मृत्यु हो गई. फिर अंजीर एक एंजाइम का उपयोग करके ततैया के शरीर को पचाता है और उसके अंडे फूटते हैं. लार्वा संभोग करते हैं और फिर पराग के साथ अंजीर से रेंगते हैं, जिससे प्रजाति का जीवनचक्र जारी रहता है. वैज्ञानिकों के अनुसार, ततैया और अंजीर के पेड़ प्रजनन के लिए एक-दूसरे पर निर्भर रहते हैं. यह भी पढ़ें: Side Effects of Eating Eggs: संडे हो या मंडे बेझिझक खाएं अंडे, विशेषज्ञों की राय, कोलेस्ट्रॉल स्तर बढ़ने का डर 'बेबुनियाद'

अंजीर को का सेवन क्यों नहीं करते जैन और शाकाहारी लोग?

हालांकि ततैया-अंजीर परागण (Wasp-Fig Pollination) एक प्राकृतिक प्रक्रिया है और इसमें मानव-नेतृत्व वाला पशु शोषण शामिल नहीं है, लेकिन शाकाहारी आहार में अंजीर को शामिल करना एक लंबे समय से चली आ रही बहस है. जबकि कुछ लोग अंजीर खाने से बचते हैं, परागण की प्राकृतिक प्रक्रिया को देखते हुए, कई लोग इसे शाकाहारी-अनुकूल मानते हैं, जबकि जैन धर्म में अंजीर से परहेज किया जाता है. जैन ग्रंथों के अनुसार, एक 'श्रावक' (शिष्य) को चार 'महा-विगई' (चार विकृतियां)- शराब, मांस, मक्खन और शहद और पांच 'उडुंबर' फल - गूलर, अंजीर, बरगद, पीपल, पाकर का सेवन नहीं करना चाहिए, सभी अंजीर वंश से संबंधित हैं.