नौसेना का जलपोत आईएनएस तबर सितंबर के आखिर तक अफ्रीका और यूरोप के कई बंदरगाहों की यात्रा करेगा. इस जलपोत ने 13 जून से यह यात्रा शुरू की. इस दौरान आईएनएस तबर प्रोफेशनल, सामाजिक और अन्य गतिविधियों का संचालन करेगा. यह कई मित्र देशों की सेनाओं के साथ संयुक्त अभ्यास में भी शामिल होगा. इस लंबी यात्रा के दौरान आईएनएस तबर अदन की खाड़ी, लाल सागर, स्वेज नहर, भूमध्य सागर और बाल्टिक सागर से होकर गुजरेगा. तैनाती के दौरान 22 जुलाई से आज तक रूसी नौसेना दिवस समारोह में इसकी भागीदारी रहेगी.
कई द्विपक्षीय अभ्यासों में लेगा भाग
तैनाती के दौरान, आईएनएस तबर अदन की खाड़ी, लाल सागर, स्वेज नहर, भूमध्य सागर, उत्तरी सागर और बाल्टिक सागर के पार जिबूती, मिस्र, इटली, फ्रांस, यूके, रूस, नीदरलैंड, मोरक्को, और स्वीडन और नॉर्वे जैसे आर्कटिक देशों की यात्रा करेगा. यह इन देशों की मेजबान नौसेनाओं के साथ पासेक्स के अलावा कई द्विपक्षीय अभ्यासों जैसे रॉयल नेवी के साथ पूर्व कोंकण, फ्रांसीसी नौसेना के साथ पूर्व वरुण और रूसी संघ की नौसेना के साथ पूर्व इंद्र में भी भाग लेगा.
आईएनएस तबर है भारतीय नौसेना के शुरुआती स्टील्थ फ्रिगेट्स में से एक
आईएनएस तबर, रूस में भारतीय नौसेना के लिए बनाया गया एक तलवार-श्रेणी का स्टील्थ फ्रिगेट है. जहाज की कमान कैप्टन एम महेश के हाथ में है और इसमें 300 कर्मी हैं. जहाज हथियारों और सेंसर की एक बहुमुखी रेंज से लैस है और भारतीय नौसेना के शुरुआती स्टील्थ फ्रिगेट्स में से एक है. यह जहाज भारतीय नौसेना के पश्चिमी बेड़े का हिस्सा है जो पश्चिमी नौसेना कमान के तहत मुंबई में स्थित है. यह भी पढ़ें : Mann Ki Baat: देश के साथ पीएम मोदी की मन की बात, कोरोना से बचाव और वैक्सीन सहित इन विषयों पर की प्रधानमंत्री ने बातें
समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना और समुद्री खतरों के खिलाफ अभियानों को मजबूत करना है उद्देश्य
सैन्य संबंध बनाने, इंटरऑपरेबिलिटी विकसित करने और लंबी दूरी के निर्वाह की परियोजना बनाने के लिए जहाज मित्र नौसेनाओं के साथ मिलकर काम करेगा. आईएन विशेष रूप से प्राथमिक हित के समुद्री क्षेत्रों में नियमित रूप से विदेशी तैनाती करता है. इनका उद्देश्य क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को और मजबूत करना और समुद्री खतरों के खिलाफ संयुक्त अभियानों को मजबूत करना है. ये बातचीत नौसेनाओं को एक-दूसरे की नौसेना में अपनाई जाने वाली ‘सर्वोत्तम प्रथाओं’ का पालन करने और उन्हें आत्मसात करने का अवसर भी प्रदान करेगी.