अमृतसर: दशहरा के मौके पर रावण दहन कार्यक्रम के दौरान रेल हादसे में तकरीबन 60 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे. इस हादसे को लेकर स्थानीय लोगों में अब भी आक्रोश का माहौल बना हुआ है. बता दें कि इस हादसे के बाद जहां पंजाब सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया था, वहीं अब पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने यह बयान जारी किया है कि अमृतसर रेल दुर्घटना में मारे गए लोगों के योग्य निकटतम संबंधियों को प्रदेश सरकार नौकरी मुहैया कराएगी.
बता दें कि दशहरे के दिन रावण दहन का कार्यक्रम देखने के लिए लोग समीप की रेलवे पटरी पर चले गए थे. इसी दौरान वहां से गुजर रही ट्रेन की चपेट में आने से कम से कम 60 लोगों की मौत हो गई थी. जिसके बाद शुक्रवार को सिद्धू ने कहा कि ट्रेन हादसे में मारे गए लोगों के योग्य संबंधियों को राज्य सरकार नौकरी देगी.
दरअसल, इस हादसे से गुस्साए लोगों ने नवजोस सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू पर भी सवाल उठाए थे. मौके पर मौजूद लोगों की मानें तो जब इस आयोजन की इजाजत प्रशासन ने नहीं दी थी तो कार्यक्रम में नवजोत कौर सिद्धू क्यों पहुंची? यह भी पढ़ें: अमृतसर रेल हादसा: पत्नी नवजोत कौर पर लग रहे आरोपों पर सिद्धू ने कहा- जब दुर्घटना होती है तो किसी को बताकर नहीं होती
हालांकि उस दौरान नवजोत सिद्धू ने अपनी पत्नी नवजोत कौर का बचाव किया और मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि "यह समय उंगलियां उठाने का नहीं. किसी ने यह सोच समझ कर जानबूझ कर नहीं किया गया, बल्कि यह कुदरत का प्रकोप है."
बता दें कि एक हफ्ते पहले यानी 19 अक्टूबर की शाम जब पूरा देश विजयादशमी के जश्न में डूबा हुआ था, तभी अमृतसर के चौड़ा बाजार स्थित जोड़ा फाटक रेल्वे ट्रैक के पास भी लोग दशहरा पर रावण दहन का नजारा देखने में व्यस्त थे. बताया जाता है कि पटरियों से महज 200 फुट की दूरी पर ही रावण का पुतला जलाया जा रहा था. इसी दौरान जालंधर से अमृतसर जा रही तेज रफ्तार डीएमयू ट्रेन वहां से गुजरी और ट्रैक पर मौजूद लोगों को रौंद दिया. इसके घटना के चंद मिनटों में ही वहां लाशों का ढेर लग गया.